Saturday, 26 April 2008

टॉम एंड जेरी शो पार्ट 21


जायका के घरमें...
'टॉम एंड जेरी शो'-पार्ट 21

....अब वे चारों व्यक्ति हमारे सिर पर सवार थे। गुस्सा आ रहा था, पर करते भी क्या?...चारों इंडियन होते तो हम उन्हें कबके भगा चुके होते.अब उनमें दो फ़ॉरिनर थेः उनकी तो रिस्पेक्ट करनी जरुरी थी। हम उनके सामने इंडिया की नाक नीची नहीं दिखाना चाहते थे.हम अगर ज्यादा नहीं तो थोडे समझदार तो बेशक है!


...अब हमने ध्यान से देखा कि फॉरिनर नज़र आने वाले वे दोनों व्यक्ति जापानी लग रहे थे.अब वे चारों आगंतुक सोफे पर बैठ गए.लीजिए...हमारा धामी धी ग्रेट! चाय की ट्रे हाथ में लिए हाजिर हो गया!


"आप हमें बताएगी मोहतरमा!... कि आपके घर में आप के अलावा कौन कौन रहता है?" चायका कप धामी के हाथ से अपनी पकड में लेते हुए एक इंडियन ने पूछा.


.... हम इधर उधर देखने लगे तो बोला..." आप से पूछ रहा हूं मै यंग लेडी !"


" मुझसे पूछा आपने?...लेकिन आप तो किसी मोहतरमा का नाम ले रहे थे; हम तो जायका है!"…हमने भी अपना चाय का कप उठा लिया.


"ओह ! तो बताइए जायका !...यहा और कौन कौन रह रहा है?" अब दूसरा इडियट सा दिखनेवाला इंडियन बोला. अब उसने धामी से कहा कि वह चाय नहीं पीता.. और उसके लिए कॉफी ठीक रहेगी!...और धामी कॉफी बनाने किचन में चला भी गया....हमें फिर गुस्सा आया.


" यहां हम रहते है!....किचन में जिसे आपने कॉफी बनाने भेज दिया वह धामी है. हमारा नौकर नहीं है समझे?...चलो कोई बात नहीं...हां! यहां कुछ दिनों से एक चूहा रह रहा है, हम उसे 'जेरी' कह कर बुलाते है. टॉम नाम का बिल्ला हमारी फ्रैंड नामिका का है और वो भी परसों से हमारे ही घरमें रह रहा है!...देखिए धामी.." हम आगे बोलने जा रहे थे लेकिन हमें उन दो में से एक जापानी व्यक्ति ने चुप रहने का इशारा किया और हम चुप हो गए.


...हम मन ही मन सोचने लगे….'ये लोग कितने धीठ है! हमारे घर में घुस कर हमें ही चुप रहने के लिए कह रहे है, लेकिन...पता नहीं यहां क्यों आए है?' और हमें अब पता चल ही गया,जब एक इंडियन ने परदाफाश कर दिया...


" ये जापान से आए हुए वैञानिक है.एक चूहे पर जापान में एक्सपेरिमैंट किया गया था.... उसके अंदर से डर की भावना निकाल दी गई थी. वही चूहा जापान से किसी एरोप्लेन में चढ कर इंडिया आ गया. उसकी खोज लेते हुए ये वैञानिक आपके घर तक आ गए है! इनके पास एक ऐसी मशीन है जिसने उस चुहे का पता बता ही दिया. वही चूहा जिसे आप जेरी कह रही है, आप के घर में रह रहा है. अब ये लोग इसे वापस ले जाने के लिए आए है!"


"...लेकिन आपका यहां क्या काम है?" हमने उन इंडियन सज्जन से पूछा.


" हम तो बस इनकी सहायता करने आए है!" एक इंडियन ने हमें लाल आंखों से घुरते हुए जवाब दिया.



" देखिए जायका! हमारे पास एक धुंआ उगालने वाली मशीन है; हम उसे चालू कर देंगे! मशीन चालू करने से पहले हम सब घर से बाहर निकल जाएंगे. घुंए के असर से वह चूहा अपनी सूद-बुध खो बैठेगा और सिर्फ हमारे पीछे चल पडेगा. उसके अंदर और किसी तरह की कोई समझ बाकी नहीं रहेगी!" एक जापानी वैञानिक बोला. उसकी भाषा को हिंदी में ट्रांसलेट करके हमें दुबारा सुनाया गया!


"चलो यह तो अच्छा ही हुआ!...उस जेरी चूहे ने तो हमारा जीना हराम कर रखा था!"…हम मारे खुशी से उछलते हुए बोले!

1 comment:

अविनाश वाचस्पति said...

http://www.moltol.in/index.php/Khash-Feature/Profit-in-business-of-teaching.html यह तो छोटा सा है पर एक बड़ा सा लेख यह है http://www.moltol.in/index.php/Khash-Feature/Business-without-any-risk.html
आपकी मेल की आई डी नहीं मिली तो सोचा हम भी आपको बतलायें कि बात का बतंगड़ तो हम भी बनाते हैं. पर कैसे. जानेंगी आप अगर उपर वाले लिंक्‍स पर क्लिक करके या कापी पेस्‍ट करके जायका लेंगी. आपको अवश्‍य ही इन व्‍यंग्‍यों में आनंद नहीं जायका आयेगा. इस बात की गारंटी है हमारी.
वैसे जापानी वैज्ञानिक किसका आइडिया था.
मेरी मेल आई डी जिससे आपको यह शिकायत न रहे कि कहां प्रतिक्रिया दूं
avinashvachaspati@gmail.com