Friday 6 August 2010

एक उपन्यास' उनकी नजर है हम पर!'

' उनकी नजर है..हम पर ' का लोकार्पण!

कुछ दिनों के अवकाश के बाद मैं लौट आउंगी !... एक बहुत जरुरी काम आ पड़ा है!...ऐसा कई बार हुआ है!...मैं छुट्टी ले कर यहां से गई भी हूँ और वापस आई भी हूँ! !...मेरे साथी ब्लोगर्स भी ऐसा ही कर रहे है! ....मेरी नजर है ...उन पर!

...जाते जाते बता कर जा रही हूँ कि मेरे द्वारा लिखित उपन्यास का नाम है 'उनकी नजर है ..हम पर! ' इस का 11 अगस्त 2010 के रोज लोकार्पण होने जा रहा है!... यह उपन्यास परग्रहियों का हमारी धरती पर उतर आने से संबधित है!... खैर! परग्रहियों को मैंने, आपने या विदेशियों ने भी अब तक देखा नही है; इसके बावजूद भी उनके बारे में बहुत कुछ कहा गया है, लिखा गया है और फिल्में भी बनाई गई है!..

...मेरी कल्पना ,अब तक की परग्रहियों के बारे में की गई कल्पना से अलग है!... इस उपन्यास के परग्रही टेढ़ी-मेढ़ी शकलों वाले, नाटे , मोटे ...... लाल, नीले या हरे रंग के नही है! ... वे उपरसे दिखने में तो हम जैसे ही है ...लेकिन हमारे से अलग किस तरह से है...इसका वर्णन इस उपन्यास में मिलेगा... वे किस ख़ास काम से यहां आए हुए है इसका भी खुलासा होगा!...वे हम से दोस्ती भी निभाएंगे और दुश्मनी भी!

इस उपन्यास को हिन्दयुग्म प्रकाशन का सहयोग प्राप्त हुआ है!... श्री शैलेश भारतवासी प्रकाशक है!... सच पूछो तो शैलेशजी की ही मेहनत के परिणाम स्वरूप इस उपन्यास को 'लोकार्पण ' का सौभाग्य प्राप्त हुआ है!

.... मैं तो बस! झोली फैलाए...आप सभी से शुभ-कामनाएँ मांग रही हूँ! ... ऊपर वाले से प्रार्थना कीजिए कि मेरी इस रचना को सफलता की सीढियाँ चढ़ना नसीब हो!

...मैं यहां आप सभी के लिए प्रार्थना करती हूँ कि आप को अपने इच्छित कार्य में ज्वलंत सफलता मिलें!

10 comments:

राजभाषा हिंदी said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

shikha varshney said...

आप को ढेर सारी शुभकामनाये..

ताऊ रामपुरिया said...

'उनकी नजर है ..हम पर! उपन्यास के प्रकाशन पर हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

लीजिए हमारी नज़र भी आप पर पद ही गयी.....उपन्यास के प्रकाशन के लिए ढेर सारी शुभकामनायें ...

Asha Joglekar said...

आपके उपन्यास के प्रकाशन पर अनेक बधाइयाँ और शुभ कामनाएँ भी । ईस्वर की कृपा आप पर बनी रहे और पुस्तक को खूब नाम और यश मिले ।
मेरे मराठी और हिंदी दोनो ब्लॉगों पर आप आती हैं टिप्पणीयां देती हैं इससे लिखने का उत्साह दुगना हो जाता है । धन्यवाद ।

योगेन्द्र मौदगिल said...

Shubhkamnaen......

शोभना चौरे said...

दीदी
आपके उपन्यास के लोकार्पण के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई और अनेक शुभकामनाये |आपका उपन्यास हरेक पढने वालो के हाथ में पहुंचे और खूब यश मिले उपन्यास के साथ आपको भी |
आभार

निर्मला कपिला said...

आपके उपन्यास के प्रकाशन और लोकार्पण के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई और अनेक शुभकामनाये |लोकार्पण होने के बाद पोाढेंगे। इसके बारे मे पूरी जानकारी दीजियेगा। शैलेश जी को भा बधाई।

हरकीरत ' हीर' said...

अरुणा जी बधाई आपको इस उपन्यास की ...
दुआ है आप सफलता की सीढियां यूँ ही चढती रहे ....
जासूसी उपन्यास लगता है .....!!

दिगम्बर नासवा said...

बधाई .. बहुत बहुत बधाई इस प्रकाशन पर ...