Tuesday, 11 December 2007

friendship नहीं....हम तो शादी करेगा!

फ्रैन्डशीप नहीं...हम तो शादी करेगा!


हम एक ज्योतिषी के पास आखिर पहुंच ही गए। ज्योतिषी भी उतने ही पहुंचे हुए माने जाते थे।क्या टी वी और क्या अख़बार! सब जगह थी ...उनकी जय जयकार!


" जल्दी बताइए महाराज, हमारी शादी कब तक होगी?" हम थोड़े जल्दीमें तो थे ही!

" कुंडली है बालिके?" ज्योतिषी को कोई जल्दी नहीं थी।

" नहीं है...तो क्या बिना कुंडली के शादी नहीं हो सकती प्रभू?" हमने प्रभू कहते हुए उन्हें और उंचा दर्जा दे डाला.

"नहीं है तो कोई बात नहीं।हम हाथ देख कर भी बता सकते है!" प्रभू बोले।

हमने हाथ आगे बढ़ाया और प्रभू देखें...इससे पहले उनका मोबाइल बज उठा...
अब् एक हाथ में हमारा हाथ थामे और दूसरे हाथ से मोबाइल कान से लगाए वे बोलते चले गए...

" हैलो! कौन?"

"????"

" हमारी हाथ देखने की फीस 1000/-रु।है।" वह अपनी फीस बता रहे थे।

"????"
" हां जी! भविष्य बतानेकी 5000/-रु.और संकट निवारण 10000/-रु.है." प्रभू अमृतवाणी बोले जा रहे थे और हम अपना हाथ ज्योतिषी के हाथ से छुडवाने के लिए ज़ोर लगा रहे थे


प्रभू की फीस इस समय हमारी जेब खाली करवाने के लिए पर्याप्त थी.जोर लग गया और हमने हाथ छुड़ाने में सफलता हासिल कर ली.

" आ जाते है टूट पूंजे!"ज्योतिषी बडबडाया।

" क्या बोला रे तू?" हमारे पीछे से आवाज़ आई.
हमने मूड़ कर देखा तो एक हैंडसम लडका था.शायद यह भी अपनी शादी 'कब होगी.. या नहीं होगी' वगैरा पूछने आया था. उसने भी फीस का अमाउंट जान ही लिया. अब यह भीडू अपनी तरफसे यानी कि मेरी तरफ से बोल रहा था.हम खुश हुए.

" तेरी दुकान हम बंद करवा देंगे...फ्रौड कहीं का!" अब हमने ज्योतिषीको प्रभू से फ्रौड बना दिया।

" ये मेरा घर है...दुकान नहीं है,क्या समझे!" ज्योतिषी ने अब हमें घरसे बाहर का रास्ता दिखा दिया. अब हम दो थे...

"यार! टैरो कार्ड रीड़र के पास चलते है।" हम ने उस हैंडसम से कहा।

" ऐसा करते है... हम दोनों फ्रैन्ड बन जाते है.हो सकता है शादी की समस्या हल भी हो जाए!" वह मासूमियत जताते हुए बोला.

" नहीं...हमे फ्रैन्डशीप के चक्कर में नहीं पड़ना है।हम तो चले टैरो कार्ड रीड़र के पास...शायद उसकी फीस कुछ कम हो!" कहते हुए हम ने ऑटो वाले को रोक लिया...

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