Thursday 25 November 2010

अलबेला जी की हास्य-व्यंग्य प्रतियोगिता में भाग लें!

अलबेला खत्री जी की हास्य-व्यंग्य प्रतियोगिता हाजिर है!

श्री. अलबेला खत्री जी हास्य कवि है ...लेकिन सिर्फ कविता के माध्यम से ही नहीं... बातों का बतंगड़ बना कर भी हंसाने में ये कवि महाशय माहिर है!...मैंने हाल ही में तिलियार ब्लोगर मेले में इनके द्वारा प्रसारित हास्य की फुआर उडती देखी!....वैसे इन्हों ने, कहते है कि वहां हास्य की गंगा भी बहाई थी.... लेकिन ये साहब जब वहां पहुंचें... लेट ही पहुंचे....तब हम ( मतलब कि मैं और मेरे पति पृथ्वीराज कपूर ) वापसी की ही तैयारी कर रहे थे!...फिर भी आधा घंटा और ठहर गए और इनके सानिंध्य का आनंद उठा ही लिया!... तब बात छिड़ गई थी इनके साथ हुए राखी सावंत की भिडंत की!...हा, हा, हा...

...राखी सावंत के तेवर तो टी.वी.चेनलों का गरम मसाला है ही ! ...लेकिन राखी सावंत को भी अलाबेलाजी ने तीखी हरी मिर्चे चटा दी...सुन कर वहा बैठे सभी वाह वाह कर उठे !...ब्लोगर मेले की असली आप-बिती तो अब राज भाटियाजी सुनाने वाले है!...इन्होने ही इस मेले का भार अपने कंधे पर या कंधों पर उठाया था!....हा, हा, हा!

ताजा समाचार मैं यहाँ दे रही हूँ कि अलबेला खत्री जी ...स्पर्धा क्रमांक -5 का ...हास्य-व्यंग्य प्रतियोगिता का ....आयोजन करने जा रहे है... जैसे कि 1,2,3 और 4 का कर चुके है!...इस बार उनका कहना है कि हास्य-व्यंग्य प्रतियोगियों द्वारा प्रस्तुत किए जाने चाहिए...मतलब कि हंसाने की जिम्मेदारी हम ब्लोगर्स की है...और हंसने की जिम्मेदारी उनकी है!......चाहे कविता हो, गजल हो,लेख हो, कहानी हो, निबंध हो, कार्टून हो ....कुछ भी चलेगा, लेकिन हँसाने में सक्षम होना जरुरी है!....अलबेला जी जरुर हसेंगे ...आप इस स्पर्धा में भाग ले कर तो देखिए...हा, हा, हा!

...एक प्रतियोगी एक ही रचना भेज सकता है! ....रचना भेजने कि अंतिम तारीख 15 दिसंबर है!... इनाम भी देने के लिए उन्होंने तैयार रखे हुए है!...तो Albelakhatri.com पर फ़ौरन दौड़ लगाइए और अपनी क्षमता का परिचय सभी को दीजिये!...हां, हा, हां!

...अगर यह खबर पढ़ कर हंसी आ जाए तो मेरे साथ बेशक ठहाका लगा सकतें है....हा, हा, हा!

Wednesday 17 November 2010

चिठ्ठाकारों का संमेलन!..ब्लॉग विमर्श!

चिठ्ठाकारों का सम्मलेन!

ब्लॉग को चिठ्ठा कहा जाए तो ब्लोगर्स चिठ्ठाकार अपने आप ही हो गए!...मैंने भी बिना लाग-लपट के कह दिया रचनाजी!....वैसे आपने जिस संमेलन के बारे में लिखा है वह कब और कहाँ हुआ ...इसका पता आपने दिया नहीं है!...खैर!...जाहिर है इस संमेलन का आयोजन आपने नहीं किया था!...तो संयोजक कौन थे?...कृपया बताने का कष्ट करें!...वैसे आपने सारी जानकारी स्पष्ट रूप से दी है, धन्यवाद!

ब्लॉग विमर्श के लिए कुल 10 पॉइंट्स थे!... सभी पॉइंट्स विचारणीय है!

....अब ब्लॉग के जरिए हिंदी का उत्थान देखें तो यह हिंदी भाषा के प्रचार के लिए उत्तम मार्ग है!....जन साधारण को सिर्फ हिंदी पढने के लिए बाध्य कर के...हिंदी का उत्थान नहीं हो सकता!...उनके लिए लिखने की जगह उपलब्ध होना भी जरुरी है!...उन्हें जब लगेगा कि उनका लिखा हुआ पढ़ा जा रहा है, उस पर अन्य पाठक अपनी राय भी दे रहे है...तो वह और ज्यादा लिखेंगे और इस प्रकार हिंदी का प्रचार आगे बढेगा!..ब्लॉग लेखन इस प्रकार हिंदी भाषा को समृद्ध बना रहा है!

....हिंदी ब्लॉग से कमाई ....इस पॉइंट पर विचार करें तो परिणाम फिल हाल शून्य ही सामने आ रहा है!...और इसी वजह से जैसा कि एक अन्य पॉइंट है....ब्लोगरों कि संख्या घटती जा रही है! अपना बहुमूल्य समय ब्लॉग लिखने में खर्च करना हर किसी के बस की बात नहीं है!... जिन ब्लोगर्स का कमाई का अन्य जरिया बेहतरीन होता है, वही हिंदी ब्लॉग लिखने में रूचि लेते है!... मुझे लगता है मेरे इस विचार से सभी ब्लॉगर्स सहमत होंगे!...अब यह काम उस वेब-साईट का है जो हिंदी ब्लॉग्स के लिए ब्लोगर्स को आमंत्रित कर रहे है!

...ब्लॉग पर साहित्य का सृजन...यह भी एक ध्यान खिंचने वाला पॉइंट है!...माना कि हर लिखने वाला साहित्यिक नहीं होता!...लेकिन अगर कोई साहित्यिक ब्लॉग लिखने पर आमादा हो जाता है तो जाहिर है कि वह सभी के ध्यान अपनी तरफ खिंचता है!...उसकी कलम में यह शक्ति होती है!...लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अन्य ब्लोगर्स हीन भावना का अनुभव करें और पीछे हटें!...इसका अच्छा उदाहरण हमारी फिल्म इंडस्ट्री है!...अमिताभ बच्चन,शाहरुख खान, अक्षय कुमार जैसे बड़े कलाकारों के चलते हुए भी साधारण कलाकारों की तूती बज रही है!... अब साधारण कलाकारों की सूची आप स्वयं तैयार कर सकतें है!... बड़े नामी सिंगर्स के होते हुए भी छोटे सिंगर्स की मांग कम नहीं है!....तो इस बारे में यही कहना है कि ब्लॉग लिखने के लिए साहित्यिक होना जरुरी नहीं है...अपने विचार स्पष्ट रूप से लिख कर व्यक्त करने की कला ही पर्याप्त है!.

गुट बाजी :समीर और अनूप की... यह पॉइंट कैसे दर्ज हुआ यह समझ में नहीं आ रहा!... मैं समझती हूँ कि इस प्रकार की कोई गुट बाजी यहाँ नहीं है!

ब्लॉग पर पाठक बढ़ सकतें है!...ब्लोगर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ ही पाठकों की संख्या भी बढ़ सकती है!...इसके लिए ब्लोगर्स के लिए पारिश्रमिक उपलब्ध होना जरुरी है!...कैसे?...इसके लिए अलग से विमर्श होना चाहिए!..सभी ब्लोगर्स अपनी राय दें...अगर बोलने का मौका नहीं मिलता तो लिख कर अपने विचार सब के सामने रख सकतें है!

रचना जी को मैं यहाँ धन्यवाद देना चाहूंगी!....आपने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया है!...