Tuesday 10 June 2008

टॉम एंड जेरी शो पार्ट 23

अंतिम कडी... जायका के घरमें...
'टॉम एंड जेरी शो' - पार्ट २३


....हम अपनी खुली आंखों से देख रहे थे। वे चार सिरफिरे वैञानिक जेरी चूहे और हमारे ऑल इन वन 'धामी' को ले कर कार में बैठ रहे थे... हाय रे!धामी हमारी तरफ देख भी नही रहा था; उसके हाथ में कमबख्त वैञानिकों ने लॉलिपॉप पकडाया था।...... खैर! गलति तो हमारी ही थी कि हमने धामी को पकड कर अपने साथ घर से बाहर नहीं खिंचा था ।


...दुःख का पहाड हमारे सिर पर टूट पडा था. कार चली गई और हम अंदर आ कर दरवाजा बंद कर लिया और धम्म से सोफे पर पसर गए... अभी हमने आंखे मूंदी भी नहीं थी कि दरवाजे की घंटी बज उठी। ' अब क्या धामी वापस आ गया? ...हां । हां। ....आ सकता है...दरवाजा खोल कर उसे अंदर ले लेना चाहिये...बहुत अच्छा हुआ ये तो!


... मन में सोचते हुए हमने दरवाजा खोला...


" हाय रे.... नामिका । ये तो तू है । हाय रे...." हमने नामिका को गले से लगाते हुए रोना शुरु कर दिया।


" जायका । क्या बताऊ मै?...हाय रे..." नामिका भी दहाडे मार कर रो रही थी। हम समझ रहे थे कि नामिका को पता चल गया कि जेरी चूहे के साथ साथ हमारे धामी के चले जाने की खबर नामिका को मिल गई थी और वह हमारे लिए अफसोस जताने आई थी.

...एक घंटा रोने के बाद पता चला कि वह कुछ और ही बताने आई थी. उसके ऑल इन वन 'डब्बू' का अपहरण हो गया था. वह सुबह दूध लेने गया और वापस नही आया... आया एक फोन । फिरौती की मांग थी.... 10 लाख रुपिये ... बेचारी नामिका के पास तो 10 हजार रुपियों का भी इंतजाम नहीं था । उसने फिरौती मांगने वाले को भारी मन से कह दिया कि,


" हे ! अपहर्ता , अब डब्बू तुम्हारा हो गया । बहुत अच्छा खाना बनाता है; मै अब दूसरा ढूंढ लूंगी....लेकिन फ़िर दूसरे को अगुआ मत करना ।....नहीं तो भगवान तुम्हे कभी माफ नहीं करेगा ।"


.... नामिका यही बुरी खबर सुनाने हमारे यहां आ गई... और यहां उसे हमारी उससे भी बुरी खबर सुननेको मिली।


...अब हम नामिका के साथ गम-गलत करने निकल पडे है! नामिका कार चला रही है और हम साथ बैठे खिडकी से बाहर देख रहे है!


" नामि....रोके ....रोक दे कार...हां, हां,....थोडी बैक कर ले...हां बस ।" हमने कार रुकवाई...क्यों कि दो जवान लडके हाथ हिलाकर लिफ्ट मांग रहे थे!


...अब लडके कार की पिछली सीट पर थे...और हम नामिका के साथ आगे बैठ कर आगे का प्लान बना रहे थे!

Saturday 7 June 2008

टॉम एंड जेरी शो पार्ट 22

जायका के घरमें....

'टॉम एंड जेरी शो '-पार्ट-22

हमे बहुत अच्छा लग रहा था...लग रहा था की अब हमारी सभी समस्याओं का अंत आ गया। अब हमे ना तो हर काम के लिए ,नामिका का मुंह ताकना पड़ेगा; और ना तो बॉय फ्रेंड की तलाश में जूते घिसाते हुए गली गली में भटकना पड़ेगा ... अब धामी जैसा बॉय फ्रैंड , कम नौकर, कम बॉडीगार्ड भी मिल गया था.... हम बहुत खुश थे!

....अब हम उन चारों वैञानिकों के साथ सर उठाकर खडे हो गए और खुले दरवाजे से बाहर आ गए. अंदर रह गई धुंआ उगालनेवाली मशीन और जेरी चुहा....और अब दरवाजा बंद हो गया. हमें बताया गया था कि धुंए के असर से जेरी चुहा अपनी सुद्-बुध खो बैठेगा और उन जापानी वैञानिकों के पीछे पीछे चलता हुआ ....सीधा जापान पहुंच जाएगा!


... हम बाहर खडॅ खडे सपनों की रंगीन दुनिया की सैर पर चल पडे!...पहले तो हम सीधे जापान पहुंच गए....धामी भी हमारे साथ ही था!....आहाहा!...


...हम जापानी वेश-भूषा में थे और किसी बगिचे की सैर कर रहे थे....धामी हमारे पीछे पीछे गाता हुआ आ रहा था...

' ले गई दिल....गुडीया जापान की, ले गई दिल...

पागल मुझे कर दिया...पागल मुझे कर दिया!


.....और अचानक हमने गाना-गुनगुनाना शुरु भी कर दिया!.. वे चारों वैञानिक भी हमारे गाने का लुफ्त उठाते हुए जूतों से जमीन पर पांव ठपकारते हुए ताल मिलाने लगे!...अब बस! कुछ ही मिनटों की देरी थी; दरवाजा खुलने वाला था और जेरी-चुहा बाहर तशरीफ लाने वाला था!


... इंतजार कब तक?...वह खतम हो गया. अंदर से मशीन ने घंटी बजा कर संदेशा दे दिया कि काम तमाम हो गया है!... मतलब कि दरवाजा खोल कर जेरी को बाहर ले जा सकतें है!... दरवाजा खुल गया और जेरी बाहर आ कर एक जापानी वैञानिक के कंधे पर चढ गया....हम खुश हुए!


..आरे यह क्या?...हमारा जिगरी ऑल इन वन् .....धामी भी बाहर आ गया और दूसरे जापानी वैञानिक के कंधे पर चढने लग गया.. उसे मुश्किल से रोक कर उस वैञानिक ने उसका हाथ पकड लिया!


..अब हमारी समझ में सबकुछ आ गया था... जेरी के साथ धामी भी अंदर ही था और धुंए का असर धामी पर भी हो गया था और अब सीधी सी बात थी...धामी भी जापान जा रहा था!...हाय रे हमारी फूटी किस्मत!कहां हम धामी के साथ जापान की सैर पर निकले थे और...अब कहां ये पागल धामी, हमें छोड कर अकेला ही जापान जा रहा था!