Sunday 27 January 2008

'TOM AND JERRY ShOW' Part-13

जायका के घर में...
'TOM AND JERRY SHOW'..Part-13


नामिका की नज़र सबसे पहले मेरे उपर ही पड़ी. वह लाल लाल आंखों से मुझे घुर ही रही थी कि मेरा पिल्ला 'Lovely' डायनिंग टेबल से एकदम से कूद कर मेरे उपर आ गिरा। मैने उसे अपने दो हाथों मे संभालते हुए कहा...


" Lovely, अब तुम खाना खा चुके हो...चलो अब घर चलतें है!" कहते हुए उसे मै दुलारने लगी.यह् देख कर नामिका की आंखों की लाली कुछ कम हो गई, समझा लो कि गुलाबी हो गई....


"तुम यहां क्या कर रही हो जायका?...तुम्हें तो इस समय अपने घर पर होना चाहिए...तुम्हारे घर पर तो' TOM AND JERRY SHOW ' चल रहा है..."नामिका ने हैरानी से मेरी तरफ देखे हुए पूछा।


नामिका का मोर्चा मेरी तरफ है...इस मौके का फायदा उठा कर डब्बू ने कांच की टूटी हुई प्लेट के टूकडे उठा कर डस्टबिन में फेंक दिए और डायनिंग टेबल भी कपड़े से साफ कर दिया. वाकई डब्बू एक कुशल रसोईया था. मै मन ही मन सोचने लगी' काश! कि डब्बू को मै अपने Lovely के साथ अपने घर पर रख सकू!'


" क्या बात है जायका?...क्या सोच रही हो? मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया अब तक!" नामिका अब तक कुर्सी अपनी तरफ खिंच कर, डायनिंग टेबल पर एक हाथ रख कर बैठ भी गई थी.


" हम क्या कर रहे है यहां?..अरे वाह! हम तो जानेमन,...तेरी ही राह देखते हुए कबसे यहां समय गुज़ार रहे है. क्या अब घर जाया जाए?..." मैने अपनी रिस्टवॉच में नज़र गड़ाई...वैसे तिरछी नज़र तो डब्बू के चेहरे पर ही टिकी हुई थी.


"नहीं...लेकिन क्या तू डर रही है जायका?" नामिका ने पूछा.


..यहां अगर हम चूहों से डरने लगे तो हो गई छुट्टी! लेकिन अब 'डर रहे है' यह दिखाना भी तो लाजमी था...नहीं तो गडबड भी हो सकती थी.


" मुझे तो सचमुच ही डर लग रहा है. क्या तू मेरे साथ नहीं चल रही! खैर!उस धामी का ही मोबाईल नंबर दे दे मुझे! उसे अपने साथ अपने घर ले चलूँ!" कहते हुए हमने पर्स में से अपना मोबाईल बाहर निकाला।


" अहं जायका! मेरा काम बन गया!...धामी तो अब यहां मेरे साथ रहने आ रहा है. वह मोटवानी के घर अपना सामान लेने गया है. थोड़ी देर में पहुंचने वाला ही होगा. मुझे तो डब्बू की चिंता थी कि वह कहां जाएगा?..अब तू ऐसे कर डब्बू को अपने साथ अपने घर ले जा...क्यों डब्बू?...कैसा इंतज़ाम है?"नामिका ने टेबल पर पड़ा हुआ पानी का गिलास उठा कर मुंह से लगाया.पानी मेरे 'Lovely' का जूठा था....लेकिन पानी तो नामिका गटक गई थी। मै और डब्बू अब एक दूसरे की शकल देख रहे थे.

" ठीक है; मैं जायका के घर चला जाता हूं...अब वापस तेरे यहां कभी नहीं आऊँगा!...by, by नामिका !" कहते हुए डब्बू ने अपनी अटैची उठा ली और हमारा हाथ पकड़ कर हमें घसीटता हुआ दरवाजे से बाहर आ गया।


"रुको भाई! इतनी जल्दी भी क्या है?... मै कार में छोड़ आती हूं तुम दोनों को!..." नामिका हमारे पीछे पीछे आ रही थी।


" नहीं! हम पैदल ही चले जाएंगे!..क्यों जायका?"...डब्बू अब एक मर्द की भाषा बोल रहा था; जो हमें बेहद पसंद थी!

Sunday 20 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-12

जायका के घर में...
'TOM AND JERRY SHOW'..Part-12

" जयु, एक परांठा और ले..ले..." डब्बू का झाँका अब खुल गया था और उसने हमें 'जयु' कहना शुरू कर दिया था।

" नहीं यार डब्बू... हमारा पेट वैसे ही आगे निकला हुआ है; ज्यादा खाना खाने से 'फट' करके फटाका भी बोल जाएगा तो हम क्या करेंगे? " हमने मज़ाक किया और डब्बू हमारे पेट की तरफ देखने लग गया।

" नही, नहीं...डब्बू ! तुम हमारे गोल,गोल...मतलब की..." मतलब हम दब्बू को समझा ही रहे थे कि .... वह खुद ही समझ गया और उसने वही किया जो वह नामिका के साथ करता था...

" नही डब्बू! तुम अभी नामिका के घर में हो.... हमारे घर जब रहने आ जाओगे; तब आगे क्या करना है, तुम्हे हम खुद बता देंगे....फिल-हाल हमारी कटोरी में मटर-पनीर भर दो! " हमने डब्बू के मुंह में पनीर का बड़ासा टुकड़ा सरका दिया और डब्बू धन्य हो गया।

...डब्बू ने अपने मर्दानी हाथों से हमारे lovely को भी पेटभर खाना खिला दिया। नामिका के घर आने का कोई ठिकाना नहीं था।क्या पता रात को भी वो न आए!.....ऐसा होता है तो और क्या चाहिए हमे!

" डब्बू! अब लगता है कि इस घर में नया cook ' धामी ' आने वाला है! तुम अपना सामान पैक कर लो और हमारे साथ.... हमारे घर चलने की तैयारी कर लो!" हमने अपना बड़प्पन दिखाना शुरू कर ही दिया।

" जयु! तेरे घर में फ्रिज़ और टी.वी. तो है.... पर माइक्रोवेव और वाशिंग मशीन नहीं है!.... ये तो नामिका बता रही थी।" डब्बू ने पूछ-ताछ शुरू कर दी।

" क्या नामिका ने ये नहीं बताया कि मेरी तनख्वाह उससे डबल है? " हमने भी उलट सवाल किया।

" हां! ये भी बताया था... लेकिन ..."

" लेकिन क्या? " अब हमें गुस्सा आने लगा था।

" गुस्सा मत खाओ जयु! ... मैं आने के लिए तैयार बैठा हूँ...लेकिन..." डब्बू ने फिर' लेकिन ' कहकर वाक्य अधूरा ही छोड़ दिया और हम जो समझना था; वह समझ गए!

" ठीक है डब्बू!... हम माइक्रोवेव, ऑटोमैटिक वाशिंग-मशीन और तुम जो भी कहोगे..सब खरीद देंगे!...बस, एक बार हमारे घर रहने आ जाओ बस! " हमने डब्बू को पटाने की पूरी कोशिश करते हुए कहा।

" क्या... कार भी खरीदोगी?" डब्बू को यकायक याद आया की हमारे पास कार तो है नहीं!

...हम कुछ कहने जा ही रहे थे कि...बाहर कार रुकने की आवाज आई। नामिका आ गई थी। डब्बू अब घबरा गया और टेबल पर से झूठी प्लेटे... जल्दी-जल्दी और जल्दी...उठाने लगा..पर...

...कांच की एक प्लेट नीचे गिर कर टूट गई और..... नामिका की घर में एंट्री हुई!...

Thursday 17 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-11

जायका के घर में..
'TOM AND JERRY SHOW'..Part-11

...अब हम धीरे धीरे दरवाजे की तरफ बढ़ रहे थे। हमारे दोनों हाथ, उस सफ़ेद बालों वाले और नीली आंखों वाले सुंदर पप्पी को उठाए हुए थे। पप्पी का नामकरण भी अब तक हमने कर दिया था। उसका नाम हमने ' Lovely' रखा था। Lovely में Love, beauty, friend-ship, लगाव, लगट ...सब कुछ आ जाता था।

" आ गई जानेमन!...आज तो मैंने मटर-पनीर बनाया है।" डब्बू kitchen में खड़ा , गैस पर रखी कढाई में कड़छी मार रहा था. उसकी पीठ हमारी तरफ थी। शायद वह हमें नामिका समझ कर 'जानेमन' कह गया था...लेकिन हमने भी ना समझी का नाटक करते हुए... डब्बू को पीछे से दो हाथ डालकर, पेट से कसकर पकड़ लिया।

...हमारा lovely हमारे हाथ से छूट कर, छलांग लगाता हुआ kitchen की स्लैब पर जा पहुँचा और वहां पड़ा हुआ ब्रैड का स्लाइस मुंह मे दबाया।

"अरे! अरे! नामी....ये कुत्तेका पिल्ला यहाँ कहाँ से आ गया?....हट्...हट् ! भाग बे पिल्लै!..." कहते हुए डब्बू ने हमारे lovely को मारने के लिए बेलन उठाया...

" खबरदार डब्बू! ये मेरा lovely है। कुत्ते का पिल्ला नहीं है समझे?... इसे कुछ कहा तो देख लेना; तेरी मम्मी और बहन की वो हालत मैं ..." हमने भी गुस्से में आ कर डब्बू को उसकी माँ-बहन की याद दिलवा ही दी।

" अरे! जायका darling...ये तो तुम हो! ...मैं तो नामिका समझा था। मुझे लगा ही था कि नामिका इतनी प्यार से कैसे पेश आ गई!...और ये तो तुम्हारा lovely है!" कहते हुए डब्बू ने जोर-जोर से हमारे....हम नहीं बताएंगे; क्यों कि डब्बू तो नामिका का boy-friend है! हमारे साथ प्यार से पेश आ भी गया तो क्या हुआ?

" नामिका कहाँ है? ... नज़र क्यों नहीं आ रही?..." डब्बू मारे ड़र के इधर उधर देखता हुआ बोला. अब डब्बू कुछ होश में आ गया था कि ये सब क्या हुआ!

" अरे डब्बू! नामिका यहाँ हो तो नज़र आएगी ना? ....वो तो आई नहीं है। वो तो धामी को साथ ले कर कार में ..."

" क्या कह रही हों जायका?... धामी और नामिका ?...दोनों एक साथ?...कार में गए? ....." डब्बू ने कई सवाल एक साथ पूछे और अपना सिर पीट लिया।

" अरे डब्बू! ...फिर क्या हुआ?.... मैं हूँ ना! " कहते हुए मैंने डब्बू के दोनों गालों पर अपने दो हाथ रख दिए!

"... लेकिन मेरी शादी तो नामिका से होने जा रही है जायके!" डब्बू अब रोने वाली आवाज़ में बोला।

" हुई तो नही है... नहीं करेगी तो मैं कर लूंगी तुझसे शादी! तू इतना घबराता क्यों है डब्बू Darling!....अब ऐसे कर; फटोफट खाना लगादे टेबल पर.... बड़ी भूख लगी है। हमारे पेट में चूहे..." हमने डब्बू से खाना खिलाने के लिए बोल तो दिया... पर चूहे का नाम लेते ही हमे हमारे घरमें चल रहे ' TOM AND JERRY SHOW' कि यकायक याद आ गई.

Tuesday 15 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-10

जायका के घर में..
'TOM AND JERRY SHOW'..part-10

...हम सोचे जा रहे थे कि कहां फंस गए!...यहां आ कर तो हमारा कीमती समय बरबाद हो गया.चलो! नामिका को तो उसका पुराना 'बॉय friend ' धामी मिल गया; पर हमें यहां क्या मिला?
हम नामिका के पीछे चल रहे थे; नामिका आगे चल रही थी.हम लोग अब नामिका की कार में बैठने वाले ही थे कि नामिका ने पीछे मुड़कर देखा....धामी हमारे पीछे चला आ रहा था.

" धामी dear तुम? और मै ये क्या देख रही हू? तुम जायका के पीछे?..." नामिका घोर आश्चर्य के साथ बोल पड़ी और हमने भी पीछे मुड़कर देखा और धामी की तरफ मस्त सा smile फैंका!

" नामि darlig! मै तो यह पूछने आया था कि कल अगर हम जायका के घर पर ही मिले तो कैसा रहेगा?.." धामी भी हमारी तरफ देखकर वैसा ही smile फैंकता हुआ बोला, कि हमने उसकी तरफ फैंका था. हमारे मन में ऐसी गुद्गुदी हुई...ऐसी गुदगुदी हुई कि हम बता नहीं सकतें.

"जायका! मै कुछ कह रही हूं; तेरा ध्यान कहां है?.." नामिका की तरफ अब हमारा ध्यान गया।

"अब तू सीधी अपने घर चली जाना।मै धामी के साथ कहीं जा रही हूं... समझी?" नामिका की बात हमारी समझ में तब आई जब कार में नामिका के साथ धामी बैठ गया और कार फू..ररर ये गई....वो गई।


अब हम अकेले थे और सोच रहे थे कि घर में चलने वाले टॉम ऎंड जेर्री SHOW' का समापन अब खुद ही करना पड़ेगा; नामिका की हेल्प अब नहीं मिलेगी! हम सड़क पर खड़े ही थे कि हमारे पांव के पास कुछ गुदगुदाहट और कुछ फुसफुसाहट हमने महसूस की! नीचे नज़र डाली तो वही सफेद बालों वाला छोटासा पप्पी था। हमारी तरफ बड़े प्यार से देख रहा था।

...हमने पलभर के लिए ची सोचा और उस पप्पी की तरफ अपने कोमल हाथ बढाए। पप्पी ने हमारे हाथ में अपना राईट पंजा दिया। हमारे साथ शायद वह friendship का हाथ बढ़ा रहा था। क्या करतें ?...हमने भी उसकी दोस्ती कबूल कर ली और उसे उठा लिया.

...अब हम उस पिल्ले को अपनी गोद में उठाए पैदल ही पड़े. चलते चलते हमें पता ही नहीं चला कि हम नामिका के घर कब पहुंच गए...

'अरे! नामिका तो धामी के साथ गई हुई है और घर पर डब्बू उसका इंतजार कर रहा है। शायद यह बढियासा खाना बना कर ही उसका इंतजार कर रहा होगा! चलो, अब आ ही गए है तो क्यों न अंदर जाया जाए.... डब्बू के हाथ का बढिया खाना ही क्यों न खाया जाए!'

Wednesday 9 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-9

जायका के घर में...
'TOM AND JERRY SHOW'..Part-9

...सचमुच ही आफ़त खड़ी हो गई . हमारी बेवकूफी ने यहाँ भी अपना रंग दिखा ही दिया... हमने अपने पांव पर हमेंशा की माफ़िक पत्थर मार ही लिया। आदत से मज़बूर जो थे! हमें क्या जरुरत थी यह बतानेकी कि नामिका की शादी डब्बू हलवाई से होने जा रही है? डब्बू क्या हमारा चाचा लगता था?..... या जिसके सामने हमने नामिका की पोल खोली वो धामी हमारा मामा लगता था?....


...मोटू उर्फे मोटवानी तो हमारे हाथ से फिसल ही गया था...धामी तो हमें एक Cartoon से ज्यादा कुछ नहीं समझ रहा था और हमारी हमेशा मुसीबत में काम आने वाली friend नामिका को हमने नाराज़ कर दिया था! ...अब हमें चिंता खाए जा रही थी कि हमारे घर में चल रहे TOM AND JERRY SHOW का क्या होगा?


" अब कभी मुझे अपनी शकल मत दिखाना, समझी?" नामिका ने पहले काफी लंबा लेक्चर सुनाने के बाद हमें लेक्चर कि आख़िरी लाइन सुनादी। हम चुप-चाप सुने जा रहे थे।

" नामिका, अब बस भी कर! ज़ायका ने यही कहा न कि तेरी शादी डब्बू से होनेवाली है? ....ये तो नहीं कहा कि हो चुकी है? ....अब तो मैं कोलकाता से वापस आ गया हूँ! अब डब्बू से क्या लेना देना? ..." ये कहकर धामी ने हमें काफी राहत पहुंचाई। हम मान गए धामी को....

" लेकिन डब्बू इतना अच्छा खाना बनाता है कि...मैं उसे कैसे छोड़ सकती हूँ?" नामिका ने अपनी problam धामी को समझाई।

" खाना तो अब मैं भी अच्छा बनाना सीख गया हूँ... मैं भी नौकरी की ही तलाश में हूँ! मैं अभी तो मोटवानी के घर पर ही रह रहा हूँ! कितना अच्छा खाना बनाता हूँ, उसीसे पूछ ले नामिके! .... क्या ये ज़ायका कहीं नौकरी करती है? या मेरी माफ़िक ही है?" धामी ने अपने आप को डब्बू के साथ मिलाते हुए हमारे बारे में भी पूछ लिया.....

" हाँ! ये जायका और मैं एक ही ऑफिस में काम करती है... इसकी तनख्वाह मेरे से डबल है... पर छोड़ धामी dear! ... ये बहुत ही कंजूस है, मक्खीचूस है!" नामिका को धामी का हमारे बारे में पूछना नागवर गुज़रा!


" ये क्या तेरे घर के पास ही रहती है?" धामी हमारी आंखों से आँखे मिलाता हुआ बोला। हमने भी शरमाने का नाटक किया। हम पहले स्कूल और बादमें कोलेज में कई नाटक खेल चुके थे....हमें कई इनाम भी मिले हुए थे।

" ज़ायका के घर में एक बहुत बड़ी मुसीबत डेरा जमाए हुए है। हमें अब जल्दी तेरे घर चलाना चाहिए नहीं जायका!" नामिका आँखे मीच-मिचा कर हमें इशारा करती हुई बोली।

" इतनी भी कोई जल्दी नहीं है; यहीं कुछ देर और धामी के साथ बैठ कर..." हमारा बोलना बीच में ही कांट कर नामिका ने धामी से कहा...

"अब हम चलते है धामी darling! कल शाम यहीं पर मिलते है..."

" ठीक है... सोच लेना, खाना मैं भी बहुत बढ़िया बनाता हूँ...कल जायका को भी साथ ले कर आना यहाँ...by, by, I love you..." कहते हुए धामी ने नामिका को अपनी तरफ खिंचा। हमने दूसरी तरफ मुँह घुमा लिया।...पर हमें kiss करने की आवाज तो आ ही गई! हम कान में उंगली डालना भूल गए थे!

Tuesday 8 January 2008

टॉम ऎंड जेरी शो पार्ट-8

जायका के घर मे...
'TOM AND JERRY SHOW '..Part-8

..और उस मोटू मोटवानी का दूसरा हाथ हमारी तरफ आगे बढ़ा... हौले, हौले वह हमे दुलारने लगा था। हमने आँखें बंद की हुई थी! सबकुछ बहुत ही अच्छा लगा रहा था। हमारा एक हाथ तो मोटवानी के हाथ में जमा हुआ था ही ; अब हम दूसरे हाथ से मोटवानी को सहलाने लगे!

..अब हमारा हाथ मोटवानी के घने बालों पर घुम रहा था। उसके लंबे बाल नामिका के बालों की तरह घने तो थे, पर वो वाली नरमी नहीं थी। हमें इस समय सिर्फ गरमी चाहिए थी; नरमी की क्या ज़रूरत थी? हमें मोटवानी पहले भले ही अच्छा न लगा रहा हो... इस समय तो वह हमें इतना मज़ा दे रहा था, इतना मज़ा दे रहा था की हम नामिकाको भूल ही गए थे। यही मज़े हम उससे लूटते रहते थे....लेकिन मोटवानी जैसा मज़ा वो कहाँ दे सकती थी कमबख्त!


"...मोटे darling! बोलो...कुछ तो बोलो!... हमारे कान तुम्हारी आवाज़ सुननेको को तरस रहे है darling!.... तुम्हारे होठोंसे तो हम पी ही रहे है...चुक, चुक,चुक चुक...अहाहा! क्या मज़ा आ रहा है...अमृत सा घुल रहा है हमारे मुख में... ऐ जालिम मोटू, मोटवानी darling! हम तो अब उम्र भर तेरे संग ही रहेंगे. बता तो सही हमारा बदन छू कर तुम कैसा महसूस कर रहे हो?"

...और एकदम से हमारे गाल पर किसीने चूंटी कांटी।....." अरे ओ मोटे, ये भी कोई प्यार करनेका ढंग है?"
चिल्लाते हुए हमने आँखे खोली...

" अरे ये तो तुम हो नामिके! मोटवानी कहाँ गया? कितना अच्छा लग रहा था... तुम यहाँ क्यों आई ? " हम इधर उधर देख रहे थे। हमारे सामने एक सफ़ेद बालों वाला छोटासा कुत्तेका पिल्ला खड़ा था; नामिका भी थी और उसका friend धामी भी था! धामी हंस रहा था और नामिका लाल-पीली हो रही थी!

" तुम आराम से सो रही हो जायके! मोटवानी को थोडी देर के लिए सही... अपना बनाकर अपने पास रखना तो तुम्हे आया नहीं! उसको अभी अभी किसी और लड़की ने पटाया और उसकी मोटर साइकिल पर पीछे बैठ कर उड़न छू हो गई... वो तो धामी ने देख लिया और मुझे बताया तो मैं यहाँ आई! तुने तो मेरा भी मज़ा किरकिरा कर दिया...बेवकूफ कहीं की!" हमें डांट लगते हुए ,नामिका ने फिर मूड बनाने के लिए धामी का हाथ जोरसे थाम लिया।

..अब हमारी समझ में आया कि हमें यकायक नींद आ गई और हमारा हाथ मोटवानी के हाथ से छुट गया। फिर क्या था... मोटवानी ने इधर उधर देखा होगा! उसे दूसरी लड़की नज़र आ गई जो हंस कर उसे बुला रही होगी! फिर क्या होना था?.... वही हुआ जो हमेशा होता आया है... अरे ये लड़का भी हमारे हाथ से निकल गया।

..कहीं से बालों वाला छोटासा पिल्ला हमारे पास आ गया और नींद में हम उसे मोटवानी समझ कर प्यार करने लगे तो... वह भी हमें प्यार करने लगा और ये सब हुआ!

"नामिका! अब घर चलतें है। ... छोड़ धामी को! ...तेरी तो अब उस डब्बू से शादी होनेवाली हैं!" हमने नामिका को याद क्या दिलवाया.... हमारे लिए तो आफत खड़ी हो गई!

Thursday 3 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-7

जायका के घर में..

'TOM AND JERRY SHOW'..Part-7

'...आहाहा! garden में तो मज़ा आ रहा है। दिल करता है , बस यही रह लूँ; फूलों कि हसीन क्यारियाँ और उपरसे मेरे मन चाहे गुलाब के फूलों का तो कहाना ही क्या?.... गुलाबी, लाल, पीले, ऑरेंज , व्हाइट .... कितने सुंदर फूल है यहाँ पर ....धरती पर मानों स्वर्ग उतर आया है आहाहा! और उधर तो लगता है कि.... '

" किस तरफ देख रही हो जायका? उन दो लड़कों की तरफ, जो Khallas-boyes लग रहे है ? " कहते हुए नामिका ने मुझे चुंटी तो कांटी ...पर गलत जगह पर कांटी और मैं उखड गई। जवाब में मैंने उसकी, उसी जगह पर इतनी जोर से चुंटी काँटी कि तिलमिलाकर उसने चीख मार दी.... उसकी चीख सुनकर वो जो दो लड़के Khallas-boyes कुछ ही दूरी पर खडे बतियाँ रहे थे; अब पास आ गए....

" हाय sweet heart नामिका! ये तो तुम हो... और ये लड़की कौन है जो तुझे छेड़ रही है?" लंबा लड़का हमारी तरफ घुर कर देखता हुआ बोला। जाहिर था कि वह नामिका को जानता था। उसका ex boy-friend भी रहा होगा ....पर मुझे क्या! ...लेकिन उसकी यह ज़रूरत कि वो नामिका को sweet heart कहे और हमें उससे छेड़छाड़ करने वाली लड़की बताएं...

" ऐ मिस्टर, तुम्हारी ज़रूरत कैसी हुई हमारे बीच आने की?... हम अभी police को बुलाते है, पकड़ कर अंदर कर देगी तब पता चलेगा कि 'ये लड़की कौन है!' "... कहते हुए हमने 100 number पर फ़ोन करने के लिए पर्स से अपना mobile निकाला....

" पागल हो गई क्या?... ये धामी है, मेरा बहुत अच्छा दोस्त है... मतलब कि पहले था। चार महीने पहले कोलकाता चला गया था... आज इतने दिनों बाद मिला है!" कहते हुए नामिका ने उसे गले लगाया। दूसरा ठींगू लड़का हमारी तरफ देख रहा था... शायद हमें गले लगाने की सोच रहा होगा ,पर उसने ऐसा नहीं किया.... हमारी शकल ही ऐसी थी कि लड़कें हमसे दो हाथ दूर रहना ही पसंद करते थे।

.... दस मिनट तक नामिका, उस धामी के साथ अटखेलियाँ करती रही और दस मिनट तक हम उस ठींगू कि आंखों में आंखें डाले खड़े रहे कि अब पास आया, तब पास आया! .... लेकिन वह नही आया और फिर हमारा हाथ mobile कि तरफ गया!


" जायका! mobile अब पर्स में वापस रख दे darling! " नामिका ने हमें darling कहा और हम फिर से पानी, पानी हो गए।

"हां! तो नामिका बता अब यही खड़े रहना है या कुछ और भी करना है?" हमने नामिका से सीधा सीधा पूछा।

"अरे यार, ऐसा करते है... धामी और मैं तो friend तो है ही; हम दोनों उस तरफ चले जाते है..... उस बरगद के पेड़ के पीछे लगता है कि कोई नही है..... और..." नामिका बोलते बोलते रूक गई।

"जायका! ये मेरा दोस्त मोटवानी है! ... तुम्हे कैसा लगा?... तुम दोनों ही ठींगुजी हो!... तुम दोनों अपनी जोड़ी आराम से बना सकते हो! " धामी ने सलाह दी और हम मान गए। अब तक हमारा लंबा या नाटा, काला या गोरा, दुबला या मोटा... कोई भी boy-friend नहीं था... फिर मोटवानी भी तो लड़का था, ऐसी वैसी चीज़ थोडे ही था!


..हम ने मोटवानी से हाथ मिलाया... पर मन में तो घर में चल रहा ' TOM AND JERRY SHOW' ही हिलोरें ले रहा था। नामिका अब धामी के साथ बरगद के पेड़ के पीछे चली गई थी। बार बार लग रहा था कि जा कर उसे देख आए कि वहां का सीन क्या है... पर मोटवानी हमारा हाथ पकडे हुए था... और कुछ कर भी नहीं रहा था कमबख्त !

Tuesday 1 January 2008

TOM AND JERRY SHOW Part-6

जायका के घर में..

'TOM AND JARRY SHOW'..Part-6

...हम जैसे तैसे घर पहुंच ही गए। मनमें तो नामिका को हजारों गालिया दे रहे थे कि उसने हमारी शकल की तारीफ़ क्यों नही की! कमसे कम हिन्दी फिल्म की किसी साइड हिरोइन के साथ ही हमारी शकल मिला देती तो उसके मंगेतर डब्बू का क्या जाता ? वैसे हमारा मानना है की हमारी शकल राखी सावंत से काफी मिलती है!

..अब हमारी शकल को छोड़, घर का ही जायजा लेते है। शकल तो जैसी है वैसी ही रहेगी.. नही? यह काम ज्यादा important है कि jerry चूहे को घर से निकालना है..... हमारा दूध पी जाता है, हमारी icecream खा जाता है, हमारा t v देखता है और.... जले पर नमक छिड़कने के लिए अपनी girl-friend को भी साथ ले कर बैठता है!

" क्या सोच रही हो जायके? boy-friend सिर्फ सोचनेसे नहीं मिला करते! हाथ-पैर हिलाने पड़ते है, मुस्कराना पड़ता है, फ़ोन करने पड़ते है, सुंदर दिखने के लिए beauty-parlaur जाना पड़ता है.... खर्चा तो पहले करना ही पड़ता है, उसके बाद ही कुछ हाथ लगता है! पर तू ठहरी कंजूस, मक्खीचूस कहीं की! " नामिका मानों हमें हमारी गलतियों की लिस्ट पढ़ कर सूना रही थी।

" नामिका, इस समय मैं किसी boy-friend को पटाने के बारे में नहीं सोच रही.... मैं तो इस jerry चूहे को उसकी girl-friend के साथ घरसे कैसे खदेडा जाय...इस बारे में सोच रही हूँ !... नकटी कहीं की!" हम गुस्से से बोले और नामिका ने हमारे दोनों कान पकड़ kar sorry बोल दी। ....हमने तात्कालिक उसे माफ़ कर दिया।


"अब क्या क्या करना है... बताती जा..." हमने TOM बिल्ले को अपनी गोद से अब नीचे पटका तो वह छलांग लगाता हुआ हमारे kitchan की तरफ भागा।


"उसे जहाँ जाता है जाने दें.... तू अब T.V. के पीछे पिंजडा लगादे और पिजडे में पनीर का टुकडा लगादें!....ये रहा पनीर का टुकडा! मैं साथ लेकर ही आई थी... तेरे घर में पनीर कहांसे?" नामिका ने हमें पनीर का टुकडा भी दिया और हमारी खिल्ली भी उडाई...हूँ!

..हमने चुप-चाप वैसाही किया। jerry चूहा सब देख रहा था; हमारी आंखों में आँखें डाल कर देख रहा था ... लेकिन वह हमारे bed-room में अपनी चुहिया के साथ सुहाग--दिन मना रहा था इस वजह से हमें अपना काम करने दे रहा था. और हम अपनी खुली आंखों से bed-room में चल रहा romance देखें जा रहे थे!


"हां! जायका! अब दरवाजे से बाहर निकल जातें है..... Jerry, उसकी चुहिया और मेरे TOM बिल्ले को अंदर घर में ही छोड़ जाते है!" नामिका ने सिगरेट का पैकेट पर्स से निकाला.... लेकिन हमारी आंखों में गुस्सा देखते हुए वापस पर्स में सरका दिया।

"हाँ बोल नामिका! अब कहाँ चलना है? ... पास ही के गार्डन में चलते है !" हमने अपना सुझाव दिया।

...नामिका को भी पसंद आ गया... अब हम नामिका के साथ गार्डन में टहल रहे है और सोच रहे है की हमारे घर में हो रहा ' TOM AND JARRY SHOW' किस मोड़ पर पहुंचा होगा!