Saturday 7 June 2008

टॉम एंड जेरी शो पार्ट 22

जायका के घरमें....

'टॉम एंड जेरी शो '-पार्ट-22

हमे बहुत अच्छा लग रहा था...लग रहा था की अब हमारी सभी समस्याओं का अंत आ गया। अब हमे ना तो हर काम के लिए ,नामिका का मुंह ताकना पड़ेगा; और ना तो बॉय फ्रेंड की तलाश में जूते घिसाते हुए गली गली में भटकना पड़ेगा ... अब धामी जैसा बॉय फ्रैंड , कम नौकर, कम बॉडीगार्ड भी मिल गया था.... हम बहुत खुश थे!

....अब हम उन चारों वैञानिकों के साथ सर उठाकर खडे हो गए और खुले दरवाजे से बाहर आ गए. अंदर रह गई धुंआ उगालनेवाली मशीन और जेरी चुहा....और अब दरवाजा बंद हो गया. हमें बताया गया था कि धुंए के असर से जेरी चुहा अपनी सुद्-बुध खो बैठेगा और उन जापानी वैञानिकों के पीछे पीछे चलता हुआ ....सीधा जापान पहुंच जाएगा!


... हम बाहर खडॅ खडे सपनों की रंगीन दुनिया की सैर पर चल पडे!...पहले तो हम सीधे जापान पहुंच गए....धामी भी हमारे साथ ही था!....आहाहा!...


...हम जापानी वेश-भूषा में थे और किसी बगिचे की सैर कर रहे थे....धामी हमारे पीछे पीछे गाता हुआ आ रहा था...

' ले गई दिल....गुडीया जापान की, ले गई दिल...

पागल मुझे कर दिया...पागल मुझे कर दिया!


.....और अचानक हमने गाना-गुनगुनाना शुरु भी कर दिया!.. वे चारों वैञानिक भी हमारे गाने का लुफ्त उठाते हुए जूतों से जमीन पर पांव ठपकारते हुए ताल मिलाने लगे!...अब बस! कुछ ही मिनटों की देरी थी; दरवाजा खुलने वाला था और जेरी-चुहा बाहर तशरीफ लाने वाला था!


... इंतजार कब तक?...वह खतम हो गया. अंदर से मशीन ने घंटी बजा कर संदेशा दे दिया कि काम तमाम हो गया है!... मतलब कि दरवाजा खोल कर जेरी को बाहर ले जा सकतें है!... दरवाजा खुल गया और जेरी बाहर आ कर एक जापानी वैञानिक के कंधे पर चढ गया....हम खुश हुए!


..आरे यह क्या?...हमारा जिगरी ऑल इन वन् .....धामी भी बाहर आ गया और दूसरे जापानी वैञानिक के कंधे पर चढने लग गया.. उसे मुश्किल से रोक कर उस वैञानिक ने उसका हाथ पकड लिया!


..अब हमारी समझ में सबकुछ आ गया था... जेरी के साथ धामी भी अंदर ही था और धुंए का असर धामी पर भी हो गया था और अब सीधी सी बात थी...धामी भी जापान जा रहा था!...हाय रे हमारी फूटी किस्मत!कहां हम धामी के साथ जापान की सैर पर निकले थे और...अब कहां ये पागल धामी, हमें छोड कर अकेला ही जापान जा रहा था!

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