नेहरू खानदान की असलियत जान कर....
माननीय दिव्याजी!
नेहरू खानदान की असलियत आप के ब्लॉग पर पढी!...कोमेंट लिखने के लिए कोई प्रबंध नहीं पाया गया...इसी वजह से आपकी पोस्ट यहाँ दे रही हूँ...अगर आपको कोई एतराज हो तो बताएं...मैं तुरंत इसे डिलीट कर दूंगी!
...यहाँ दी गई जानकारी या खोजबीन श्री दिनेशचन्द्र मिश्राजी की है और वे अपने ब्लॉग पर इसे क्रमश: प्रस्तुत कर रहे है...मतलब कि आपने उनकी पोस्ट अपने ब्लॉग पर दी है....जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है!
.....खोज बीन में यही पता चला है कि नेहरू खानदान हिन्दू और मुसलमान...दोनों धर्मों का मिलन है !...यहाँ नेहरू के सौतेले भाई शेख अब्दुल्ला का उल्लेख नहीं हुआ है!...जो जवाहरलाल नेहरू के पिता...मोतीलाल नेहरू की दूसरी मुस्लिम पत्नी की कोख से जन्मे बेटे थे!उन्होंने मुस्लिम धर्म स्वीकार किया था! ....यह खोज भी जगजाहिर हो चुकी है!...लेकिन नेहरू परिवार किसी अपराधिक मामले में फंसा हुआ कभी पाया नहीं गया!
....आपने इस पोस्ट में नेहरू परिवार की बहुत सी अन्य गोपनीय बातों पर से भी पर्दा उठाया है....लेकिन क्या इससे नेहरू-गांधी परिवार के बारे में जो जनता की सोच है....उसमें फर्क आ सकता है?
.....हाँ! वर्त्तमान राजनीति में यह परिवार,सत्ता की मजबूत बागडोर हाथ में होते हुए भी....जनता के हित के लिए कुछ नहीं कर रहा और आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं दे रहा ....यही सत्य हकीकत है!...इसी मुद्दे को ले कर जनता इस परिवार से मुंह मोड़ ले ....यही हो सकता है!
आपके पोस्ट की लिंक मैं यहाँ दे रही हूँ....http://zealzen.blogspot.in/2012/02/blog-post_29.html
....अति महत्वपूर्ण जानकारी...आभार!
-अरुणा कपूर.
बात छोटीसी होती है...उसका बतंगड बना कर उसे बडी बनाई जा सकती है।...जैसे कि गुब्बारा...और राई का पहाड!
Tuesday, 28 February 2012
Monday, 20 February 2012
सन-ग्लासेस पहनिएँ...स्टाइलिश नजर आइएं,व्यक्तित्व निखारिएँ...
सन-ग्लासेस् पहनिएँ...स्टाइलिश नजर आइएं, व्यक्तित्व निखारिएँ....
सन-ग्लासेस से मै बचपन से ही आकर्षित हूँ....बचपन में दादा-दादी के साथ मै गुजरात के जादर के मेले में घुमने जाया करती थी तब...बैलून या गुड्डा-गुडिया बेचने वालों के पास बाद में जाती थी; सब से पहले तो रंग-बिरंगी चश्में ले कर बैठे हुए दुकानदार के पास ही भाग कर पहुँच जाती थी...वहांसे तीन-चार सुन्दर से रंग-बिरंगी चश्में खरीदने के बाद ही दूसरी चीजों पर मेरी नजर ठहरती थी!...
खैर! बचपन बीत गया और उम्र के पचपन का पड़ाव भी मैंने पार कर लिया...लेकिन सन-ग्लासेस अब भी मुझे आकर्षित करते है!...जब मै सन-ग्लासेस पहन कर किसी पार्टी में जाती हूँ या बाजार में शोपिंग करने जाती हूँ...तब मेरी स्टाइल और व्यक्तित्व में निखार इन्ही की वजह से आता है!....क्यों कि मै अपने आप में एक अलग तरह का कॉन्फिडेन्स महसूस करती हूँ!....प्रोफाइल में मेरी फोटो देख सकते है!...
....जब मेरी नजर Ray-Ban RB 2140 पर पडी ( ऊपर फोटो देखिएँ)...
....तो लगा कि यह सन-ग्लासेस मेरे लिए अनुकूल है!...इससे मेरे स्टाइल में ज्यादा बढोतरी हो सकती है!...जाहिर है कॉन्फिडेन्स में भी और ज्यादा बढोतरी हो सकती है!....तो यह मेरी पसंद पर खरे उतरने वाले सन-ग्लासेस है!
Wow!…..मुझे यह सन-ग्लासेस भी पसंद
आए है....यह ब्राउन शेड लिए हुए है...और इनका फ्रेम भी मेरे चेहरे के अनुकूल है!...यह शायद लाइट वेटेड है!....इन्हें पहन कर बहुत बढ़िया और स्टाइलिश लुक मुझे मिल सकता है! व्यक्तित्व में और निखार आ सकता है और कॉन्फिडेन्स में और ज्यादा बढोतरी हो सकती है!.... इनकी पहचान भी मै यहाँ दे रही हूँ.....
यह है ......Ray-Ban RB 8301.....
वाह क्या बात है!.....मेरी पसंद के तो यह दो स्टाइलिश सन-ग्लासेस है!....वैसे मै तो सभी से कहूंगी के अपनी अपनी पसंद के सन-ग्लासेस को जल्दी जल्दी अपने कब्जे में कीजिए....देर किस बात की? ....Go for 'My Sunglasses, My Style'
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सन-ग्लासेस से मै बचपन से ही आकर्षित हूँ....बचपन में दादा-दादी के साथ मै गुजरात के जादर के मेले में घुमने जाया करती थी तब...बैलून या गुड्डा-गुडिया बेचने वालों के पास बाद में जाती थी; सब से पहले तो रंग-बिरंगी चश्में ले कर बैठे हुए दुकानदार के पास ही भाग कर पहुँच जाती थी...वहांसे तीन-चार सुन्दर से रंग-बिरंगी चश्में खरीदने के बाद ही दूसरी चीजों पर मेरी नजर ठहरती थी!...

....जब मेरी नजर Ray-Ban RB 2140 पर पडी ( ऊपर फोटो देखिएँ)...
....तो लगा कि यह सन-ग्लासेस मेरे लिए अनुकूल है!...इससे मेरे स्टाइल में ज्यादा बढोतरी हो सकती है!...जाहिर है कॉन्फिडेन्स में भी और ज्यादा बढोतरी हो सकती है!....तो यह मेरी पसंद पर खरे उतरने वाले सन-ग्लासेस है!
Wow!…..मुझे यह सन-ग्लासेस भी पसंद

यह है ......Ray-Ban RB 8301.....
वाह क्या बात है!.....मेरी पसंद के तो यह दो स्टाइलिश सन-ग्लासेस है!....वैसे मै तो सभी से कहूंगी के अपनी अपनी पसंद के सन-ग्लासेस को जल्दी जल्दी अपने कब्जे में कीजिए....देर किस बात की? ....Go for 'My Sunglasses, My Style'
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Friday, 10 February 2012
मेरी पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है...फ्लिपकार्ट वेबसाइट पर!
मेरी पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है... फ्लिपकार्ट वेबसाइट पर!
....अभी अभी मुझे हिन्दयुग्म के संपादक श्री। शैलेश भारतवासी की तरफ से यह शुभ-सन्देश प्राप्त हुआ है!
...धन्यवाद शैलेश जी!
...मै उन सभी का यहाँ फिर से धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरे उपन्यास ' उनकी नजर है...हम पर !' की समीक्षा,प्रशंसा एवं आलोचना भी की है!...इस उपन्यास को मंगवाने के मेरे ई- मेल पर कई मैसेज भी आए और मैंने उन्हें श्री.शैलेश जी से संपर्क करने के लिए कहा था!
शैलेश जी लिखते है....
आदरणीया अरुणा जी,
यह बताते हुए हमें अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आपकी पुस्तक, किताबों को ऑनलाइन बेचने वाली कंपनी प्लिपकार्ट की वेबसाइट पर विक्रय के लिए उपलब्ध करा दी गयी हैं। यह वेबसाइट किताबों को क्रेता तक 3-4 दिनों में पहुँचा भी देती है।
आपकी पुस्तक का flipkart लिंक-
उनकी नजर है हम पर- http://www.flipkart.com/books/8191038528?_l=b3JUm9Vsc9d2jQzOHTXUhw--&_r=q0z9FKSAm15_zCGhZRG0TA--&ref=a39c3bbc-1256-437a-90c2-c366175e7b24
प्लिपकार्ट पर आपके नाम का पेज- http://www.flipkart.com/author/aruna-kapoor
हिंद-युग्म की सभी किताबों का संक्षिप्त विवरण- http://www.flipkart.com/search-books/hind+yugm
आप इन लिंकों को अपने प्रसंशकों को भेजकर उन्हें यह सूचित कर सकते हैं कि यदि वे इस पुस्तक को भारत में कहीं भी मँगाना चाहें तो मँगा सकते हैं। अब उन्हें इसके लिए किसी पुस्तक बेचने वाली दुकान तक जाने की जरूरत नहीं है।
आप अपने फ्लिपकार्ट पेज को फेसबुक पर भी शेयर कर सकती हैं। इन लिंकों को अपने ब्लॉग पर लगा सकती हैं।
धन्यवाद।
निवेदक-शैलेश भारतवासी
....अभी अभी मुझे हिन्दयुग्म के संपादक श्री। शैलेश भारतवासी की तरफ से यह शुभ-सन्देश प्राप्त हुआ है!
...धन्यवाद शैलेश जी!
...मै उन सभी का यहाँ फिर से धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरे उपन्यास ' उनकी नजर है...हम पर !' की समीक्षा,प्रशंसा एवं आलोचना भी की है!...इस उपन्यास को मंगवाने के मेरे ई- मेल पर कई मैसेज भी आए और मैंने उन्हें श्री.शैलेश जी से संपर्क करने के लिए कहा था!
शैलेश जी लिखते है....
आदरणीया अरुणा जी,
यह बताते हुए हमें अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आपकी पुस्तक, किताबों को ऑनलाइन बेचने वाली कंपनी प्लिपकार्ट की वेबसाइट पर विक्रय के लिए उपलब्ध करा दी गयी हैं। यह वेबसाइट किताबों को क्रेता तक 3-4 दिनों में पहुँचा भी देती है।
आपकी पुस्तक का flipkart लिंक-
उनकी नजर है हम पर- http://www.flipkart.com/books/8191038528?_l=b3JUm9Vsc9d2jQzOHTXUhw--&_r=q0z9FKSAm15_zCGhZRG0TA--&ref=a39c3bbc-1256-437a-90c2-c366175e7b24
प्लिपकार्ट पर आपके नाम का पेज- http://www.flipkart.com/author/aruna-kapoor
हिंद-युग्म की सभी किताबों का संक्षिप्त विवरण- http://www.flipkart.com/search-books/hind+yugm
आप इन लिंकों को अपने प्रसंशकों को भेजकर उन्हें यह सूचित कर सकते हैं कि यदि वे इस पुस्तक को भारत में कहीं भी मँगाना चाहें तो मँगा सकते हैं। अब उन्हें इसके लिए किसी पुस्तक बेचने वाली दुकान तक जाने की जरूरत नहीं है।
आप अपने फ्लिपकार्ट पेज को फेसबुक पर भी शेयर कर सकती हैं। इन लिंकों को अपने ब्लॉग पर लगा सकती हैं।
धन्यवाद।
निवेदक-शैलेश भारतवासी
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