आखिर हमने कह डाला...
क्या कहें?...
या फिर कुछ भी न कहें?
या फिर चुप ही रहे?....
यारो! ...आप ही बताएं....
आप की चुपकी को ...
आप की 'हाँ ' समझतें है....
ना..ना...करते हुए भी....
चलिए!...हम कुछ कहतें है......
चर्चा मंच पर गए थे हम....
पता चला एक समारोह का...
पता चला कुछ....
सन्मानित होने वाले...
ब्लॉगर साथियों का.....
इक्यावन नाम पढ़ लिए हमने.....
एक नहीं....ग्यारह बार पढ़े हमने....
क्या बताएं....
कुछ गले में अटक सा गया...
कुछ नाम और जुड़ने चाहिए थे...
ऐसा हमें रह रह कर लगा....
याद आए राज भाटियाजी...
वे नदारद थे लिस्ट में से....
मनोरंजन से भरपूर....
जिनकी हर पोस्ट पाई है हमने....
उनका 'तिलियार लेक 'वाला मेला ...
यार लोग कैसे भूल गए?...
हास्य कवि अलबेलाजी....
लिस्ट में अगर होते....
हास्य की तरंगे ...
पैदा हो जाती आप सुक.....
उन्हें देखने सुनने वाले...
हास्य-रंग में रंग जाते.....
न संजय भास्कर मुस्कुराएँ इस लिस्ट में....
न 'झील' को समझा गया इस काबिल....
ताउजी, ताउजी कहते हुए कहकहे लगाने वाले...
कैसे भूल गए...उस रामपुरिया ताऊ को...
जिसने इतनी भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत की...
कैसे भूल गए उस वन्दना को....
आशा जोगलेकर भी है...
बला की कवियित्री ......
यात्रा वृत्तान्त भी बहुत से दिए है इसने...
हिन्दी और मराठी ब्लोगिंग में.....
बहुत बड़ा योगदान है, इसका भी तो....
क्यों नाम नहीं है इसका लिस्ट में...
डॉ.नूतन 'नीति' ने भी यहाँ...
जीता है हम सबका मन.....
इसके नाम का भी देखिए....
नहीं हुआ है चयन....
रचना दीक्षित को भी साथियों...
क्यों भुलाया गया?....
यही सब सोच सोच कर....
हमारा सिर घूम गया.....
लिस्ट में हमें....
कुछ ऐसे नाम मिलें...
जो अनजान थे हम सबसे...
चाहे सुनने में कितने ही हो भले...
हाँ!...अगर सन्मानित करना था....
सिर्फ इक्यावन नामों को...
तो भी मुश्किल तो कुछ भी न था....
ब्लोगिंग में योगदान देने वाले....
अथाग मेहनत करने वाले....
कुछ नयापन पेश करने वाले....
झुझारू, कर्मठ और लायक...
ब्लॉगरों का चयन जरुरी था...
झुझारू कर्मठ और लायक...
कुछ नया कर दिखाने वाले...और मेहनतू
ब्लॉगर है इस लिस्ट में....
इनकार नहीं है हमें...
बल्कि..बहुत खुशी है हमें....
उन सबको बहुत बहुत बधाई....
कल ३० एप्रिल को है ब्लॉगर संमेलन....
ब्लोगर मिलन की सुमधुर घड़ी आई....
चाहते है हम कारवाँ यूँ ही चलता रहे....
नए..पुराने साथी...साथ मिल कर यूँ ही....
ब्लॉग जगत का सुहाना सफ़र ....
मस्त बन कर तय करते रहे...
क्या कहें?...
या फिर कुछ भी न कहें?
या फिर चुप ही रहे?....
यारो! ...आप ही बताएं....
आप की चुपकी को ...
आप की 'हाँ ' समझतें है....
ना..ना...करते हुए भी....
चलिए!...हम कुछ कहतें है......
चर्चा मंच पर गए थे हम....
पता चला एक समारोह का...
पता चला कुछ....
सन्मानित होने वाले...
ब्लॉगर साथियों का.....
इक्यावन नाम पढ़ लिए हमने.....
एक नहीं....ग्यारह बार पढ़े हमने....
क्या बताएं....
कुछ गले में अटक सा गया...
कुछ नाम और जुड़ने चाहिए थे...
ऐसा हमें रह रह कर लगा....
याद आए राज भाटियाजी...
वे नदारद थे लिस्ट में से....
मनोरंजन से भरपूर....
जिनकी हर पोस्ट पाई है हमने....
उनका 'तिलियार लेक 'वाला मेला ...
यार लोग कैसे भूल गए?...
हास्य कवि अलबेलाजी....
लिस्ट में अगर होते....
हास्य की तरंगे ...
पैदा हो जाती आप सुक.....
उन्हें देखने सुनने वाले...
हास्य-रंग में रंग जाते.....
न संजय भास्कर मुस्कुराएँ इस लिस्ट में....
न 'झील' को समझा गया इस काबिल....
ताउजी, ताउजी कहते हुए कहकहे लगाने वाले...
कैसे भूल गए...उस रामपुरिया ताऊ को...
जिसने इतनी भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत की...
कैसे भूल गए उस वन्दना को....
आशा जोगलेकर भी है...
बला की कवियित्री ......
यात्रा वृत्तान्त भी बहुत से दिए है इसने...
हिन्दी और मराठी ब्लोगिंग में.....
बहुत बड़ा योगदान है, इसका भी तो....
क्यों नाम नहीं है इसका लिस्ट में...
डॉ.नूतन 'नीति' ने भी यहाँ...
जीता है हम सबका मन.....
इसके नाम का भी देखिए....
नहीं हुआ है चयन....
रचना दीक्षित को भी साथियों...
क्यों भुलाया गया?....
यही सब सोच सोच कर....
हमारा सिर घूम गया.....
लिस्ट में हमें....
कुछ ऐसे नाम मिलें...
जो अनजान थे हम सबसे...
चाहे सुनने में कितने ही हो भले...
हाँ!...अगर सन्मानित करना था....
सिर्फ इक्यावन नामों को...
तो भी मुश्किल तो कुछ भी न था....
ब्लोगिंग में योगदान देने वाले....
अथाग मेहनत करने वाले....
कुछ नयापन पेश करने वाले....
झुझारू, कर्मठ और लायक...
ब्लॉगरों का चयन जरुरी था...
झुझारू कर्मठ और लायक...
कुछ नया कर दिखाने वाले...और मेहनतू
ब्लॉगर है इस लिस्ट में....
इनकार नहीं है हमें...
बल्कि..बहुत खुशी है हमें....
उन सबको बहुत बहुत बधाई....
कल ३० एप्रिल को है ब्लॉगर संमेलन....
ब्लोगर मिलन की सुमधुर घड़ी आई....
चाहते है हम कारवाँ यूँ ही चलता रहे....
नए..पुराने साथी...साथ मिल कर यूँ ही....
ब्लॉग जगत का सुहाना सफ़र ....
मस्त बन कर तय करते रहे...
11 comments:
खटक तो हमें भी रहा है |सबके अपने अपने मीटर है नापने के | कौन कितना प्रसिद्ध है ये तो सभी जानते है |
हम भी सन्न से बैठे हैं।
कोई घुमक्कड शास्त्री है ही नहीं। एक हैं जिनके बारे में कहीं पढा सुना ही नहीं है।
रही बात अलबेला खत्री की तो पुरस्कार आयोजकों में अलबेला के बहुत बडे आलोचक बैठे हुए हैं। कहते हैं कि अलबेला ने जब पुरस्कार दिये थे तो अपनी पब्लिसिटी बढाने का स्टंट मात्र था।
हम भी जायेंगे कल सम्मेलन में। केवल अपने कुछ साथी ब्लॉगरों से मिलने और हां, आठ बजे खाने का भी इंतजाम है। अपन खाने के सुअर हैं।
.
अरुणा जी ,
कितनी इमानदारी से लिखी है आपने यह रचना । शायद की किसी में इतनी इमानदारी और साहस हो। कुछ बातें आस-पास परिवेश में ऐसी होती हैं , जिसका कारण समझ नहीं आता। शायद पृथ्वी पर छोटे-छोटे बहुत से मालिक हैं और उनकी अपनी-अपनी सत्ता है।
अपना तो एक ही मालिक है जो ऊपर बैठा सब कुछ देख रहा है। आप मेरे दिल में रहती हैं अरुणा जी ।
सादर,
दिव्या
.
अजी कारवां युही चलता रहे गा , बहुत सुंदर रचना, धन्यवाद, मिलते हे सर्दियो मे फ़िर से रोहतक मे
...दिव्या हमने भी आप को हंमेशा के लिए दिल में बसा लिया...जब भी चाहो आ कर मिलो, हमारे साथ रहो!
...नमस्कार नीरजजी!...अगर अलबेलाजी अपने निजी स्वार्थ की वजह से यहां पर है...तो सन्मानित न होने वाले सभी ब्लोगर्स अपने किसी न किसी स्वार्थ को ले कर ही यहां डटे हुए है!...ह, हा, हा!
ha ha ha ...........
maza aa gaya dr aruna ji !
ab aapki post ko aadhar bana kar main bhi post likhunga
vaise apka ye blog maine pahli bar dekha,
bahut achha hai badhaai !
अरुणा जी,
आपने तो बहुत संवेदनशील विषय ले लिया. यह सब तो दिल पर लेने से कोई फायदा नहीं. राज जी से पूरी तरह सहमत हूँ कारवां चलता रहे.
आपकी इस साहस(दुस्साहस)पूर्ण पोस्ट के लिए बधाई.
इक्यावन नाम पढे ग्यारह बार। राज भाटियाजी अलवेला जी, संजय भास्कर ,ताउ, वंदना जी , आशाजी, डाक्टर नीतिजी, रचनाजी, सारे ब्लागरों के ब्लाग का सारांश। साथ में कारवां यू ही चलते रहने की उम्मीद उत्तम रचना
आगामी वर्ष नुक्कड़डॉटकॉम की ओर से पुरस्कारों के चयन के लिए एक निर्णायक मंडल का गठन किया जाएगा और उसमें आपका नाम भी होगा। तैयार रहिएगा। सादर
बहुत ही खुबसूरत रचना
Arun
www.arunsblog.in
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