Friday 22 February 2008

TOM AND JERRY SHOW-Part-16

जायका के घर में...
'TOM AND JERRY SHOW'-Part-16

अब हम बुरी तरह से फंस चुके थे! अपने की घर में हमारे लिए सोने की कोई जगह बची नहीं थी। हम बार बार अंदर-बाहर किए जा रहे थे...कभी bed-room में तो कभी drowing-room में आ जा रहे थे। अब हमें पछतावा हो रहा था की कहाँ से इस डब्बू को उठा लाये? अच्छा भला नामिका के घरमें रह रहा था! हमारा कोई boy-friend नहीं था तो इसका मतलब यह तो नही की; कहीं से भी कचरा उठा कर के घर में घुसेडा जाए!

... एकदम से हमारे गेट पर कार रुकने की आवाज़ आई और हम इस समय ' कौन आया !' देखने के लिए खिड़की की तरफ भागे। अब तो रात के बारह बजने में तीन मिनट बाकी थे!
...अरे ये तो नामिका कार में से उतर रही है और साथ में धामी भी है... अरे उनके साथ तो TOM बिल्ला भी है!
' हे भगवान! क्या अब ये लोग भी सोने के लिए यहाँ आ धमके है?... दरवाजा खोलेगी मेरी जूती! '
....हम आराम से बैठे रहे और हमारी डोर-बेल बजती रही... 'डब्बू तो अब उठनेसे रहा ! ... हूं! अपने आप नामिका अपने लाव-लश्कर के साथ वापस चली जाएगी! हम क्यों खोले दरवाजा?'
..हम सोचते हुए खिड़की के पास खड़े ही थे की उधर दरवाज़ा खुल जाने की आवाज़ हमारे कानों से टकराई। हम हैरान रह गए की दरवाज़ा आख़िर खोला किसने?.... देखा तो दरवाज़ा JERRY चूहे ने खोला था। दरवाज़ा खुलते ही सबसे पहले TOM बिल्ला अंदर आ गया और JERRY उसका पीछा करता हुआ.... ये भागा और वो भागा...
" यहाँ क्या करने आई हो नामिका?... तुने ख़ुद तो डब्बू को हमें सौंप दिया था?" हम भी नामिका के ऊपर हाथ मारते हुए शुरू हो गए।
... नामिका ने हमारा हाथ हटाने की बिलकुल भी कोशिश नहीं की...उलटा अपना हाथ हमारे गोले पर प्यार से फेरती हुई बोली...
" जायका! ये धामी मेरे घर रहने तो आ गया ... सबकुछ करने-समेटने के बाद जब ये सो गया , तो नींद में बोलने लगा कि 'मै तो जायका के घर रहने की सोच कर आया था...नामिका के साथ बेचारा डब्बू रह जाता तो मेरा क्या बिगड जाता?...मैने उसे बेघर कर दिया, उसके पेट पर मैने लात मारी!' ये कहते हुए धामी रोने लगा ....और सच कहती हूँ जायका! मेरा भी ज़मीर जाग उठा कि मैने डब्बू को घर से निकाल कर अच्छा नहीं किया. अब मै डब्बू वापस लेने आई हूं"
" आई बड़ी डब्बू को लेने!... अब डब्बू नहीं मिलनेका क्या?" हमने नामिका के गोले परसे अपना हाथ हटाकर सोए हुए डब्बू के सीने पर रख दिया...
" डब्बू मेरा है, मैं इसे ले कर ही जाउंगी!" कहते हुए अब नामिका ने भी अपना हाथ हमारे गोले परसे हटा लिया।
" अब ये डब्बू हमारा है; कोई इसे हाथ तो लगाकर देखे!... हमारे जैसा बुरा कोई नही है हाँ!" हमने नामिका की गर्दन पर हाथ रखते हुए कह दिया....अब हमारी इज्जत का सवाल था!

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