Thursday 16 October 2008

सास बहू डे

सास-बहू डे... याने कि कड़वा चौथ!

बस!...हमने डिक्लेर कर दिया सो कर दिया!... आज के दिन को ,कड़वा चौथ को.... हमने सास-बहू डे डिक्लेर कर दिया!... अब देखिए!..मदर्स डे होता है, फादर्स डे होता है, टीचर्स डे होता है...और बहुत से दिन 'डे' होते है! तो सास-बहू का अलग ना सही, ज्वाइंट एक दिन मनाने में हर्ज ही क्या है?

...ऐसा तो नहीं है कि सिर्फ़ भारत में ही सास-बहुएं रहती है: और दुनिया के दूसरे हिस्सों में ये प्राणी नही पाये जाते!....दुनिया के कोने कोने में सास-बहुओं का बसेरा है भाई लोगो!... सास-बहू का जीवन ,एक दूसरे के साथ के बिना अधुरा ही है!... लड़ने-झगड़ने के लिए और बाद में समझौता करने के लिए, ये दोनों जीव... एक दूसरे की राह तकतें है!

...अब कड़वा चौथ को ही लीजिये !.... सभी जानतें है कि इस दिन महिलाएं पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है!... कुछ लोग मानतें है कि जन्मो जनम उसी पति की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत राम-बाण का काम करता है!... तो आपने क्या समझना , यह तो आप पर निर्भर है!.... लेकिन इस दिन सास बहू को ...और बहू सास को अनेक उपहार देती है!...मसलन कि सास अपनी बहू को गहनें , साडियां, मिठाइयाँ, रुपये-पैसे ...वगैरा वगैरा देती है!...तो बहू भी सास को कई कीमती उपहार दे कर खुश कर देती है!....खैर! लेना देना तो चलता ही रहता है!

...तो इस कड़वा चौथ के दिन ही सही, सास-बहू एक दूसरी के लिए प्रेम-भाव से लबालब हो उठती है!....तो इस दिन का क्यों न फायदा उठाया जाये? ... और सास-बहू डे के तौर पर इसे इंटरनैशनल बनाया जाये?... सास-बहू सिर्फ़ एकता कपूर के सिरियलों की प्रोपर्टी नही है!... हमारे ही समाज का एक अहम् हिस्सा है!... तो मैंने तो सोच लिया की कड़वा चौथ को ' सास-बहू' डे के तौर पर मनाया जाये...क्या आप मुझ से सहमत है?

6 comments:

ACHARYA RAMESH SACHDEVA said...

M IS BLOG KA KUCH BHI PADH NAHI PAYA. KYA KARAN HO SAKTA H JANAB
RAMESH SACHDEVA
hpsdabwali07@gmail.com

Anonymous said...

कड़वा चौथ

ha,ha,ha,ha,........maza aaa gaya.



------------------------Vishal

राज भाटिय़ा said...

बाप रे कितना शोर होगा जिस दिन कडवा चोथ होगा,लेकिन लडाई तो उस दिन भी दोनो मै होगी ही, कारण उपहार, बहू बोलेगी मेरे पति के पेसो से आया है उपहार, सासू बोलेगी, नही मेरे बेटे के पेसो से आया है, बाद मे सासु ओर बहू बेठ कर जशन मनायेगी, बेटा अपना सर पकड के बेठे गा,
आप का विचार अच्छा है,
धन्यवाद

Asha Joglekar said...

करवा चौथ को कडवा चौथ ही बनना ता जब इसको सास बहू डे बना दिया तो । पर इतना भी बुरा नही होता ये रिश्ता ।

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

saas jaane.....bahu jaane...ham kya jaane...ek bhrvan chauth bhi ho jsmen saare mard bhar-bhar prt khayen...khaye hi jaayen...aur ye kar bhi kya sakte hain sale...biwi to vrat rakhti hai...aur ye kha-khakar motaaye chale jate hain..saale petu kahin ke besharam...behaya...!!

Anonymous said...

बहुत देर से पढ़ा लेकिन आईडिया अच्छा लगा