जायका के घर में...
‘TOM AND JERRY SHOW’-Part-18
हम अब खुश थे.हां! धामी ना आता और नामिका डब्बू को ले गई होती...तो हम शायद इस समय जेल की हवा खा रहे होते. ….नही समझे?
...सीधी सी बात है, हम ने नामिका पर जान लेवा धावा बोल दिया होता...नामिका ने तुरन्त 100 नंबर दबा दिया होता....पुलिस जीप समेत हमारे दरवाजे पहुंच गई होती...जीप दरवाजे पर ही खड़ी रहती...पुलिस अंदर आ गई होती...और हमारी एक भी सुने बगैर हमें हथकड़ियां पहना कर....जीप में बैठा कर ले गई होती. डब्बू की नींद तो तब भी कौन सी खुलने वाली थी!
...लेकिन ऐसा अगर कुछ नहीं हुआ तो, धामी की वजह से ही नहीं हुआ था. धामी हमारे सामने था...हमे एक गाना; जो ज्यादा पुराना नहीं है,याद हो आया और हम अपनी फटी तूती जैसी आवाज़ में धामी की आंखों में आखें डालकर गाने लगे....
"तू मेरे सामने, मै तेरे सामने...तूझे देखू कि प्यार करु?...
ये कैसे हो गया,तू मेरा हो गया,...कैसे मै एतबार करु?...."
....धामी भी अब हमें बाहों मे उठाने ही लगा था कि, न जाने TOM, JERRY और कमबख्त हमारा lovely, कहांसे यहां आ धमके और धामी की टांगों मे घुस कर, जोर लगा कर उसे नीचे गिरा दिया. हम तो देखते ही रह गए और तीनों जैसे आए थे, वैसे ही चले भी गए...
"धामी डियर!...ये क्या हो गया? तुम्हें कहीं चोट तो नहीं आई?" अब धामी की मिजाज पुरसी तो करनी ही थी. प्यार करने का आलम तो खत्म हो गया था. हम मन ही मन पता नहीं किस-किसको गालियां दिए जा रहे थे. सबसे ज्यादा गालियां तो नामिका के खाते में दर्ज हो रही थी.
"जायका!... अब मुझे यहां एक पल भी नहीं रहना! सारी मुसीबत की जड़ तो मै ही हूं. अच्छा भला नामिका के घर में सो रहा था. मुझे नींद में बकवास करने की क्या जरुरत आन पड़ी?...ना मै बकवास करता कि मुझे जायका के घर जाना है, ना नामिका मुझे यहां छोड़ने आती, ना डब्बू को वापस ले जाती, ना मै ऐसे गिर जाता...हाय! ….लगता है मेरी पांव की हडडी टूट गई है. अब जैसे भी हो मुझे चलना चाहिए!" कहते हुए धामी खड़ा हो गया और अकड़ कर चलता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा.
"नहीं धामी! तुम अकड़ कर चल रहे हो!..मतलब कि तुम्हारे पांव की हडडी साबूत है, मतलब कि टूटी नहीं है...रुक जाओ धामी! हम तुमसे कितना प्यार करते है!" हम बोलते रह गए और धामी दरवाज़ा खोल कर बाहर निकल भी गया.
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