Monday 31 March 2008

TOM AND JERRY SHOW Part 20

जायका के घर में...

'TOM AND JERRY SHOW’-Part-20

....अब सुबह होने वाली थी।रात का अंधियारा छँट चुका था. हमने देखा कि हम अपने बेडरुम में, बेड पर लेटे हुए है। अकेले ही है हम....तो क्या धामी वापस आया ही नहीं था? हमने जो कुछ देख था; जो कुछ महसूस किया था...वो एक सपना था?


हमने अपनी आंखे मल-मल कर चारों ओर देखा!अपने आप को दस चुंटियां भी बैठे बैठे काट डाली!.....ऐसा जब भी हम करते थे;बडी ही समझदारी से करते थे! मतलब कि चुंटियां भी हम धीरे से कांटते थे!हमें याद आया.... नामिका को जब किसी चीज पर विश्वास नहीं आता था तो वह अपने ही मुंह पर जोर-जोर से कई थप्पड जड़ देती थी! इस बात की याद आते ही हमने भी आव ना देखा ताव और अपने ही गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जड दिया और फिर चिल्लाएं...."ओ मर गई मां रे!"

" क्या हुआ?...क्या हुआ जायका डार्लिंग?" बेडरुम में धामी भागता हुआ चला आया और हमारी हालत देख कर हमारे गाल पर अपना गिला हाथ रखते हुए फिर बोला...

"जायका, तुम्हे किसने थप्पड़ मारा?...क़्या टॉम या जेरी ने मारा?"कहते हुए धामी इधर- उधर देखने लगा, पर उसे कुछ नज़र नहीं आया.

" नहीं!... धामी डियर! उन दोनों का तो कहीं अता-पता भी नहीं है! ये हमें लगा कि हम सो रहे है या जाग रहे है....यही देखने के लिए हमने अपने आप को चुंटियां भी काटी और थपड़ भी मारा!...थप्पड़ ज़रा ज़ोरसे लग गया और हम चिल्लाए डियर!...तुम कहां थे?"

"ओह् मै तो किचन में चाय बना रहा था... जाता हूं!लगता है चाय जल चुकी है!" धामी अपनी नाक पकडता हुआ किचन की तरफ चला गया!


...हम इधर चाय का इंतज़ार कर रहे थे कि अभी धामी चाय ले कर आता ही होगा, ...कि हमारे दरवाज़े की घंटी बज उठी!'ये सुबह, सुबह कौन मुंह उठाकर चला आया!'कहते हुए हम बेडरुम से निकल कर दरवाज़े की तरफ गए!...जैसे ही हमने दरवाज़ा खोला....

" कौन है आप लोग?..और मेरे यहां इतनी सुबह सुबह क्यों आ धमके?...देखिए आज तो 20 तारीख है; और महीना पूरा होने में पूरे 10 दिन बाकी है!...वैसे आप मकान मालिक भी नहीं है. हम उसकी शकल अच्छी तरह से पहचानते है! वो तो टकला, मोटासा, फैनी नाक वाला है ...लेकिन उसकी शकल से हमें क्या लेना देना?......वैसे हर महीने किराया देने तो हम ही उसके घर पर जाते है! उसे यहां कभी आना ही नहीं पड़ा!..अच्छे कियाएदार की यही तो पहचान होती है!"

" अब कुछ हमें भी बोलने देगी या खुद ही बोलती रहोगी?" बाहर खड़े चार व्यक्तियों में से एक बड़ी मुश्किल से बोल पड़ा.
हां! बाहर चार व्यक्ति थे.उनमें से दो इंडियन लग रहे थे और दो फॉरिनर लग रहे थे! अब हमने दरवाजे से हट कर उन चारों को अंदर आने के लिए रास्ता दे दिया!