Friday 28 December 2007

'टॉम ऎंड जेरी शो' पार्ट-4

जायका के घर में...
'TOM AND JARRY SHOW'..Part-4

..अब हम नामिका के साथ, उसकी कार में ... उस जेरी चूहे को पकड़ने के लिए पिंजडा खरीदने जा रहे थे। हमारे घर में उस समय वह अपनी girl friend के साथ रंग- रेलियाँ मना रहा था। अरे! हमसे तो वही ज्यादा अक्लमंद था जो उसने चुहिया को पटाया था। आज तक हमसे कहाँ कोई लड़का पटा था...हूँ!


वो तो किस्मत अच्छी थी कि कार वाली नामिका मिल गई थी, जो कभी कभी हमसे ... हमें लड़का समझ कर लिपट जाती थी और कभी हम उसे लड़का समझ कर, उसकी गोद में बैठ जाते थे... इससे ज्यादा सुख हमें क्या मिल सकता था!


... इस समय कार हम drive कर रहे थे और नामिका हमें लड़का समझते हुए हमारे कंधे पर सिर रख कर , आँखें बंद किए आराम फरमा रही थी। ... हमें अच्छा भी लग रहा था कि ' काश! यह सफर यूँही चलाता रहे '....पर एक दम से उस कमबख्त जेरी कि याद आई और हमने कार कि ब्रेक पर पांव दबाया...


... ब्रेक जोर से क्या दब गई.... हमारे कंधे से सटी हुई नामिका हमारे ऊपर गिर गई। हमने तो बुरा नही माना पर वह गुस्से से लाल-पीली हो गई।

" जायका, ये क्या किया तुमने? "नामिका हमें अपना सीना दिखाती हुई बोली।
" यह तो तेरा पहलेसे ही है... किसी और ने किया है और नाम मेरा लगा रही हो!" हमने झूठा गुस्सा जाहिर किया। हम जानते थे कि नामिका की नींद का हमने फ़ायदा उठाया था .... क्या करें नामिका कमबख्त, थी भी तो सुंदर!

... नामिका मान गई कि हमने नहीं बल्कि उसके कलवाले boy-friend का ही यह काम हो सकता है। उसे कुछ कुछ याद भी आया ...पर हमने उसे आगे बोलने नहीं दिया और कार से उतर कर उसे सामनेवाली पिंजडे कि शॉप पर ले गए।

" हाँ! जी...भाई साहब, कितने का है यह पिंजडा ? " हमने पिंजडे में हाथ डालते हुए stile से पूछा।
" 1oo Rs.का है..... लेना हो लो, नहीं तो आगे का रास्ता नापो।" वह हमें घूरता हुआ बोला और हमने आगे का रास्ता नापना ही ठीक समझा।

" जायका, आगे की दुकान पर तू अपना मुँह बंद रख और मुझे बोलने दे समझी?" नामिका ने हमें डांटा और हमने उसकी 'हाँ' में 'हाँ' मिलाई ... वैसे हम समझे तो कुछ भी नहीं थे!

... आगे कि दुकान पर जा कर ही हमें पता चला कि दुकानदार को भाई-साहब कहने कि कीमत तो बड़ी ही चुकानी पड़ती है। नामिका इस मामले में समझदार थी; ... तभी तो उसके इतने सारे boy-friends थे और हमारा एक भी नहीं था.


... खैर! पिंजडा 10 Rs. में खरीद लिया और अब हम नामिका के घर की तरफ जा रहे थे। उसका TOM बिल्ला हमें चाहिए था... हमारे घर में घुसे हुए jerry को भगाने के लिए! पिंजडा अगर काम नहीं आया तो TOM ही कुछ कर के jerry को उसकी girl-friend के साथ विदा कर दें!


अब की बार कार जायका चला रही थी. वह एक हाथ से चला रही थी और.... सोने का नाटक कर के उसके दूसरे हाथ का मज़ा हम ले रहे थे....वाकई बड़ा ही मज़ा आ रहा था ... हल्का, हल्कासा ... और हमारे मुँह से सी-सी की आवाज़ भी निकल रही थी।

No comments: