Sunday 16 December 2007

वह तो चाँद से आया था यार और ले गया कार

वह तो चाँद से आया था यार!.... और ले गया कार!


इलेक्शन आ गए जी, हमारे गुजरात में ! अब हम चुनाव लडेंगे। हम कोई पोलिटिकल पार्टी के उम्मीदवार नहीं है तो क्या हुआ? हम चुनाव लड़ ही सकते है। चुनाव तो चुनाव ही होता है .....

चुनाव शादी के लिए दूल्हा पसंद करनेका भी हो सकता है और नई ड्रेस खरीदने में भी हो सकता है और कौन सी फिल्म देखी जाये इसके बारे में भी हो सकता है और किस होटल में खाना खाया जाये ,इसके बारे में भी हो सकता है ...... मतलब तो चुनाव लड़नेसे होता है।


तो हमने चुनाव लड़ा और जीत भी गए। हमारी सहेली नामिका... वही गोल्डेन कार वाली, कह रही थी कि ....
" चांद पर कोई आदमी नही रहता... सब बकवास है। रह रहा होता तो हमारी धरती पर ज़रुर आता! चांद पर उसे अच्छा ढाबा मिलना नही था; तो खाना खाने उसे काके के ढाबे पर ज़रुर आना पड़ता .... काके के ढाबे पर आता तो हमारी नजरों से बचाकर कहां जाता?"



हमने कहा " ऐसा नहीं है नामिके ... वह काके के ढाबे पर आता भी है और खाना खा कर वापस चाँद पर चला भी जाता है। जरुरत है ज्यादा ध्यान रखनेकी! तू ठहरी कार वाली? तू देखती है तो सिर्फ ग्रीन और रेड लाइट! तू कार छोड़ और काके के ढाबे के साथ वाले पानवाले की दुकान पर या सामने वाले धोबी कि खटिया पर बैठ कर ध्यान रख और कार मुझे दे दे! लेकर भाग नहीं जाउंगी! जैसे ही वह चाँद पर रहनेवाला आदमी दिख जाये..... मुझे इशारा कर देना. मैं कार से उसे ऐसा धक्का मारूंगी कि वह गिर जाएगा; फिर तू सामने आकर उसका कॉलर पकड लेना! ठीक है?"


" सब झूठ है , जायका! सब बकवास है, चाँद पर कोई नहीं रहता । " नामिका ने ठहाका लगाया.
" देख, देख! वह आदमी, कालासा.... भेन्गासा, काके के ढाबे में घुस रहा है। मैं शर्तिया कह रही हूँ कि वह चाँद पर से ही आया है। अरे उसकी शकल ही ऐसी है... देख तो ध्यान से...." कहते हुए मैं उस आदमी की तरफ ध्यान से देख रही थी।


....लेकिन मैं जा कार उसे पकड़ लूं ; इससे पहले वह नमिता कि खुली हुई कार में जाकर बैठ गया और कार ले उड़ा. मेरे साथ खड़ी नमिता 'पुलिस' ' पुलिस' करती रह गई।

...पुलिस भी आई लेकिन कुछ नही कर पाई। पुलिस ने भी कहा कि चाँद पर आदमी रहते है.... कल ही टीवी समाचारों में बताया गया है।

..अब हंसनेकी और ठहाका लगानेकी बारी मेरी थी.... मैं चुनाव जीत गई थी। चाँद पर आदमी रहता है.....ये मेरा कहना पुलिस वाले ने सच बताया था। नमिता रो रही थी। चुनाव हारनेका ग़म तो था ही... उपरसे कर चोरी हो गई थी। अब वह आदमी चाँद से आया था , तो कार भी वह चाँद पर ही ले गया होगा...आपका क्या कहना है?

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